क्या होती है कीटोजेनिक डाइट, किन बिमारियों से दिलाती है निजात?

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कीटोजेनिक डाइट को आमतौर पर कीटो डाइट कहा जाता है. यह हाई फैट, मीडियम प्रोटीन और लो कार्ब्स डाइट होती है, जिसे आमतौर पर वजन घटाने के लिए जाना जाता है. यह खास डाइट शरीर को एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट्स के बजाय फैट बर्न करने के लिए प्रेरित करती है. इस वजह से लोगों का वजन घटने लगता है. जानकारों की मानें तो कीटो डाइट फॉलो करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं. मेंटल हेल्थ के लिए यह डाइट लाभकारी मानी जाती है. एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि कीटो डाइट गंभीर मानसिक बीमारियों से राहत दिलाने में असरदार हो सकती है.

स्टैनफोर्ड मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार एक नई स्टडी से पता चलता है कि कम कार्ब और हाई फैट वाले खाद्य पदार्थों से भरपूर कीटोजेनिक डाइट गंभीर मानसिक बीमारी के लक्षणों को कम कर सकती है. यह डाइट वजन बढ़ने और मेंटल प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट्स को भी कम कर सकती है. स्टैनफोर्ड मेडिसिन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक क्लीनिकल ट्रायल में सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित 23 मरीजों पर यह स्टडी की गई. इसमें पता चला कि कीटो डाइट सीवियर मेंटल इलनेस को सुधारने में असरदार साबित हो सकती है.

शोधकर्ताओं ने सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीजों को स्टडी में शामिल किया और उन्हें 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 30 प्रतिशत प्रोटीन और लगभग 60 प्रतिशत फैट वाली डाइट का पालन करने का निर्देश दिया. कीटोजेनिक डाइट फॉलो करने के 4 महीने बाद 79 प्रतिशत मरीजों की कंडीशन में काफी सुधार देखने को मिला. शोधकर्ताओं की मानें तो कीटोजेनिक डाइट के मेटाबॉलिक इफेक्ट ब्रेन को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं. दरअसल गंभीर मानसिक बीमारी के इलाज के लिए दी जाने वाली दवाएं मेटाबॉलिक साइड इफेक्ट पैदा कर सकती हैं. इससे इंसुलिन रजिस्टेंस और वजन बढ़ जाता है.

 

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि कीटो डाइट मेटाबॉलिक संबंधी समस्याओं को ठीक करके मनोरोग लक्षणों में सुधार कर सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह स्टडी काफी छोटी थी और इस बारे में अधिक रिसर्च की आवश्यकता है कि क्या वाकई कीटो डाइट सिजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर वाले रोगियों पर सार्थक और लंबे वक्त तक असर कर सकती है. हालांकि अब तक कई स्टडी में कीटो डाइट को मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद माना है. यहां तक कि कई शोध में दावा किया गया है कि अल्जाइमर डिजीज और मिर्गी के उपचार में कीटोजेनिक डाइट कारगर हो सकती है. हालांकि अगर आपको कोई मेंटल प्रॉब्लम या अन्य कोई हेल्थ प्रॉब्लम है, तो इस डाइट का पालन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करें.

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