देश की युवा पीढ़ी को अपने राष्ट्र के इतिहास की जानकारी होना बहुत जरूरी : डॉ. कमल गुप्ता
एचएयू में सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर का शुभारंभ
देश के 13 राज्यों व 10 विश्वविद्यालयों के स्वयंसेवक के राष्ट्रीय स्वयंसेवक ले रहे हैं हिस्सा
हिसार : 16 दिसंबर
किसी भी राष्ट्र की उन्नति में उस देश का इतिहास अहम रोल अदा करता है। देश की युवा पीढ़ी को राष्ट्र को उन्नति के पथ पर तेज गति से बढ़ाने के लिए देश के इतिहास की जानकारी बहुत जरूरी है। ये विचार हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने व्यक्त किए। वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में शुरू हुए सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की के लिए युवाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। इस सात दिवसीय शिविर में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हुए उनके सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जाएगा। विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों को एक स्थान पर इस तरह एकत्रित देखकर सचमुच मिनी भारत नजर आता है। यहां से स्वयंसेवक एक-दूसरे प्रदेश की कला व संस्कृति के रूबरू होंगे और अपनी संस्कृति का आदान-प्रदान करेंगे।
युवा देश का भविष्य, अपने कत्र्तव्य का करें निर्वहन : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि युवा देश का भविष्य है और उन्हें अपने कत्र्तव्य का निष्ठापूर्वक निर्वहन करना चाहिए। इस शिविर में युवाओं को शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व अध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें भगवान के दिए हुए मानव रूपी शरीर की देखभाल अपना कत्र्तव्य समझकर करनी चाहिए। साथ ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर की गई मेहनत से सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चुमेगी। नई दिल्ली से राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक जांगजिलोंग ने संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से स्वयंसेवकों को देश की एकता व अखण्डता को मजबूत करने की शिक्षा मिलती है। इस तरह के शिविर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास मेें सहायक होते हैं और उनके व्यक्तित्व का विकास होता है। महाविद्यालय के अधिष्ठता डॉ. रामनिवास ढांडा ने सभी प्रतिभागियों व मुख्यातिथि का स्वागत किया।
12 राज्यों और 10 विश्वविद्यालयों के स्वयंसेवक ले रहे हैं हिस्सा
छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने इस सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि स्वयंसेवकों को संस्कृति के आदान-प्रदान के लिए समूहों में बांटा जाएगा और प्रत्येक समूह को इस प्रकार बनाया जाएगा कि उसमें अलग-अलग राज्यों के प्रतिभागी शामिल होंगे। वे अपनी-अपनी क्षेत्रीय कला व संस्कृति से एक-दूसरे से रूबरू कराएंगे। इस दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी जिसमें खेलकूद, सांस्कृतिक व वाद-विवाद प्रतियोगिता शामिल होंगी। शिविर के लिए एक शेड्यूल तैयार किया गया है जिमसें दिन की शुरूआत योगा से होगी और उसके बाद सांस्कृतिक सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शिविर के समन्वयक डॉ. चंद्रशेखर डागर ने शिविर की रूपरेखा के बारे में बताया।
ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. एस.के. महत्ता, सहायक छात्र कल्याण निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, विभिन्न प्रदेशों से आए स्वयंसेवक, विद्याथी व कर्मचारी मौजूद रहे।