समुद्र की लहरों को चीरते हुए अपने जज्बे का परिचय दे रहा ये युवक हरियाणा के पैरा खिलाड़ी मंजीत है। शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद झज्जर के दूबलधन का ये हरियाणवी छोरा कमाल का है। अपने शहर की एचएल सिटी के स्वीमिंग पूल में प्रेक्टिस कर चुके गांव दूबलधन निवासी दिव्यांग खिलाड़ी मंजीत तैराक ने अपनी टीम के साथ 14 घंटे 39 मिनट में 36 किलोमीटर लंबी नॉर्थ चैनल पार की है। मंजीत की टीम में कुल 6 खिलाड़ियों में से 3 दिव्यांग हैं। नार्थ चैनल पार करने वाला मंजीत हरियाणा का पहला खिलाड़ी बना जबकि भारत और एशिया का पहला पैरा खिलाड़ी बन गया है।
दरअसल, उत्तरी आयरलैंड के धोनाधाड़ी से स्काटलैंड के पोर्ट पैट्रिक तक आयोजित इस रिले रेस में में भाग लेने के लिए देश के 6 खिलाड़ियों का चयन हुआ था। इन खिलाड़ियों में हरियाणा के मंजीत कादियान, मध्यप्रदेश से सत्येंद्र लोहिया, पश्चिम बंगाल से रिमो साहा, नागपुर से जयंत कुमार, असम से एल्विश और तमिलनाडु से स्नेहन शामिल है। इन खिलाड़ियों में मंजीत सहित कुल 3 खिलाड़ी दिव्यांग हैं। आज तक एशिया के किसी भी दिव्यांग तैराक ने 36 किलोमीटर स्वीमिंग करने का रिकॉर्ड नहीं बनाया था।
मनजीत की उपलब्धियां
इससे पहले मंजीत देश के पांच अन्य पैरा तैराकों के साथ 9 घंटे 8 मिनट 39 सेकेंड में अरब सागर में 40 किलोमीटर तैरकर लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं। इसके अलावा वह पश्चिम बंगाल में 81 किलोमीटर रिवर स्वीमिंग कर चुका है। गांव दूबलधन के साधारण किसान छाजू राम का बेटा मंजीत बीते कई साल से पैरा स्वीमिंग कर रहा है। मंजीत ने सी और एडवेंचर स्वीमिंग में अब तक 20 नेशनल गोल्ड मेडल जीते हैं।
जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए
कहते हैं यदि जीवन में कुछ कर गुजरने की ज़िद हो तो सफलता के आगे कभी भी परिस्थितियां बाधा नहीं बन सकती हैं। मंजीत ने भी अपनी दिव्यांगता को कभी जीवन में बाधा नहीं समझा। उनका साफ कहना है कि यदि मैं शारिरिक अक्षमता के साथ नार्थ चैनल का पार कर सकता हूं तो कोई भी इसे पार कर सकता है। कभी भी जीवन में हार नहीं माननी चाहिए।