मारबर्ग वायरस: एक नई स्वास्थ्य चुनौती

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कोरोना महामारी के बाद, स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक और गंभीर खतरा उभरा है: मारबर्ग वायरस। यह वायरस अपने अत्यधिक संक्रामक और घातक स्वभाव के कारण लोगों में भय का माहौल बना रहा है। हाल ही में रवांडा में इसके कारण छह लोगों की मौत हुई है, और इससे संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस वायरस का मृत्यु दर 88% तक हो सकता है, जो इसे अत्यंत खतरनाक बनाता है।

मारबर्ग वायरस क्या है?

मारबर्ग वायरस, जिसे पहले इबोला परिवार का सदस्य माना जाता था, 1961 में जर्मनी में पहली बार पहचाना गया था। इस वायरस का संक्रमण आमतौर पर मंकी, विशेषकर अफ्रीकन ग्रीन मंकी, के संपर्क में आने से होता है। जब कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो यह उसके शरीर के विभिन्न तरल पदार्थों, जैसे रक्त, लार, या अन्य फ्लूइड्स के संपर्क से फैलता है।

मारबर्ग
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लक्षण और संक्रमण का चरण

मारबर्ग वायरस के लक्षण संक्रमण के बाद 5 से 7 दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर रैशेज शामिल होते हैं। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, स्थिति गंभीर होती जाती है। रोगी को उल्टी, डायरिया, और आंतरिक रक्तस्राव का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में अगर तात्कालिक चिकित्सा सहायता नहीं मिली, तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।

इलाज और रोकथाम

दुर्भाग्य से, मारबर्ग वायरस का कोई विशिष्ट इलाज या वैक्सीन नहीं है। उपचार में आमतौर पर रक्तस्राव को रोकने के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग किया जाता है, और मरीजों को इम्यून थेरेपी दी जाती है। यद्यपि कुछ मरीज ठीक हो जाते हैं, उन्हें लंबे समय तक मांसपेशियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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जोखिम भरी स्थितियाँ

मारबर्ग वायरस से संक्रमित होने का मुख्य जोखिम उन लोगों के लिए है, जो चमगादड़ या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आते हैं। विशेष रूप से, खदानों में काम करने वाले लोग, जहां ये जानवर पाए जाते हैं, को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति इस संक्रमण से ठीक हो जाता है, तो उसके वीर्य में वायरस कई महीनों तक जीवित रह सकता है, इसलिए यौन संबंध बनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

रवांडा का मामला

रवांडा में यह संकट बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी है। सरकार ने तुरंत जांच और संपर्क ट्रेसिंग शुरू कर दी है। यह समय सभी को जागरूक रहने और स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।

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वैश्विक स्वास्थ्य पर प्रभाव

मारबर्ग वायरस का फैलाव एक बार फिर यह दर्शाता है कि वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता है। कई देशों को इसकी प्रभावशीलता को समझने और रोकथाम की उपायों को अपनाने की जरूरत है।

मारबर्ग वायरस एक गंभीर खतरा है, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को भी चुनौती देता है। हमें सतर्क रहकर, स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए इस संकट का सामना करना होगा। सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को इसे नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। केवल जागरूकता और सामूहिक प्रयासों से ही हम इस नई स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर सकते हैं।

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