एयर पॉल्यूशन का प्रेग्नेंट महिलाओं पर असर: जानें कैसे करें बचाव

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सर्दियों की दस्तक और बढ़ता प्रदूषण

दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में सर्दियों की शुरुआत होते ही एयर पॉल्यूशन एक गंभीर समस्या बन गई है। इस बढ़ते प्रदूषण का सबसे बुरा असर प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों पर पड़ता है। धुएं और धूल के कणों से भरी यह हवा केवल बाहरी वातावरण को ही नहीं, बल्कि महिलाओं की सेहत को भी प्रभावित कर रही है।

एयर पॉल्यूशन का प्रेग्नेंट महिलाओं पर असर: जानें कैसे करें बचाव
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एयर पॉल्यूशन के दुष्प्रभाव

नोएडा के MASSH मानस हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सोनाली त्यागी के अनुसार, प्रदूषण गर्भवती महिलाओं के लिए कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे रक्तचाप की समस्याएं हो सकती हैं और यूरिन में प्रोटीन का स्तर बढ़ सकता है, जो यदि कंट्रोल न किया जाए, तो दौरे का कारण बन सकता है। यह स्थिति गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकती है।

पॉल्यूशन से प्रेग्नेंट महिलाओं में प्लेसेंटा (गर्भनाल) की समस्या भी हो सकती है, जिससे गर्भाशय से प्लेसेंटा का समय से पहले अलग होना संभव है। इससे महिलाओं को ब्लीडिंग होने लगती है और कभी-कभी डिलीवरी भी समय से पहले करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते, जिससे उन्हें अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बचाव के उपाय

हालांकि, एयर पॉल्यूशन से बचने के उपाय मौजूद हैं। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाएं किस तरह इस प्रदूषण से अपनी और अपने बच्चे की सेहत को सुरक्षित रख सकती हैं:

  1. एक्टिव चारकोल फिल्टर वाले मास्क का उपयोग: जब भी बाहर निकलें, ऐसे मास्क पहनें जो हवा को शुद्ध करने में मदद करें। ये मास्क धूल और हानिकारक कणों को शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद करेंगे।
  2. घर में एयर प्यूरिफायर लगाएं: अपने घर के अंदर एक अच्छा एयर प्यूरिफायर लगाएं, जो हवा को शुद्ध करता है। यह विशेष रूप से उन दिनों में महत्वपूर्ण है जब बाहर की हवा अत्यधिक प्रदूषित होती है।
  3. व्यायाम और हेल्दी डाइट: गर्भवती महिलाओं को रोजाना हल्का व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। सुबह के समय धूप में आधे घंटे की सैर करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। साथ ही, अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  4. स्मोकिंग से दूरी: धूम्रपान से दूरी बनाना बेहद जरूरी है। स्मोकिंग का धुआं गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। यदि कोई आपके आसपास धूम्रपान कर रहा है, तो तुरंत वहां से हटें।
  5. इम्यूनिटी बढ़ाएं: प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आयरन, फोलेट, विटामिन और मिनरल्स का सही सेवन बेहद जरूरी है। हरी सब्जियों, फल और अन्य पोषक तत्वों का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है।
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प्रेग्नेंट महिलाओं की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं?

प्रेग्नेंट महिलाओं की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों, ककड़ी, टमाटर, चना और मटर में भरपूर आयरन और फोलेट पाया जाता है। इन चीजों को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।

इसके अलावा, विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अंगूर, संतरे और नींबू का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।

पानी का सेवन

प्रेग्नेंट महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। हाइड्रेटेड रहना न केवल मां के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी जरूरी है।

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सही जीवनशैली अपनाएं

सही जीवनशैली अपनाना भी बेहद महत्वपूर्ण है। गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त नींद लेना चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए। योग और प्राणायाम भी मददगार साबित हो सकते हैं।

एयर पॉल्यूशन से बचाव के उपायों का पालन करके प्रेग्नेंट महिलाएं अपने और अपने बच्चे की सेहत को सुरक्षित रख सकती हैं। जब तक संभव हो, प्रदूषण से दूर रहना चाहिए और अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए। प्रेग्नेंसी एक महत्वपूर्ण समय है, और सही देखभाल करना बेहद आवश्यक है। इस समय में उठाए गए कदम न केवल आज के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण से सावधान रहकर, प्रेग्नेंट महिलाएं सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव कर सकती हैं। याद रखें, सेहत पहले, बाकी सब बाद में!

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