रौतू का राज: कमजोर कहानी और बिखरे हुए Screenplay को नवाजुद्दीन ने अपनी एक्टिंग से संभाला

0

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहानी, रईस और रात अकेली है के बाद फिल्म रौतू का राज में कॉप का किरदार निभाया है। OTT प्लेटफार्म ZEE5 पर फिल्म को स्ट्रीम किया गया है। फिल्म मर्डर मिस्ट्री पर आधारित है, जिसकी अवधि एक घंटे पांच मिनट है। दैनिक भास्कर ने फिल्म को पांच में से दो स्टार दिया है।

फिल्म की कहानी

यह फिल्म उत्तराखंड के एक बैकड्रॉप पर आधारित है। उत्तराखंड के एक छोटे से शहर रौतू में एक ब्लाइंड स्कूल में एक वॉर्डेन संगीता (नारायणी शास्त्री) अचानक मर जाती है। वॉर्डेन की मौत शुरू में नैचुरल डेथ की तरह दिखाई देती है। लेकिन बाद में शहर में यह घटना चर्चा में आती है। यह घटना मर्डर और नैचुरल डेथ के बीच टकराती है। इस समस्या को हल करने के लिए इनवेस्टिगेशन ऑफिसर दीपक नेगी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अपनी टीम के साथ निकलते हैं।

image 156

ब्लाइंड स्कूल के ट्रस्टी मनोज केसरी (अतुल तिवारी) पर भी मर्डर का शक है। इंवेस्टिगेशन के दौरान पता चलता है कि पायल नाम की एक लड़की स्कूल से मिसिंग है। इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर दीपक नेगी भी कुछ अलग हो गए हैं। वॉर्डेन की हत्या करने वाला कौन है? वॉर्डेन की हत्या का कारण क्या था? इंस्पेक्टर दीपक नेगी ने हत्या की इस समस्या को कैसे हल किया? आपको यह जानने के लिए फिल्म देखनी होगी।

स्टारकास्ट की एक्टिंग

फिल्म को अपने कंधे पर उठाने की कोशिश में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इनवेस्टिगेशन ऑफिसर दीपक नेगी का किरदार निभाया है। फिल्म में राजेश कुमार ने सब इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई है। नवाजुद्दीन और राजेश की एक्टिंग सधी हुई लगी है, साथ ही उनका समय भी सही लगता है। फिल्म में अतुल तिवारी, नारायणी शास्त्री और अन्य कलाकारों ने अपनी-अपनी भूमिका के साथ न्याय करने का प्रयास किया है।

image 157

फिल्म का डायरेक्शन

फिल्म को आनंद सुरपुर ने निर्देशित किया है। फिल्म का स्क्रीनप्ले और कहानी बहुत अच्छा नहीं है। फिल्म में उन्होंने कुछ सीन्स बनाए हैं जो मूल कहानी से मेल नहीं खाते। पूरी फिल्म बोर हो जाती है अगर अंतिम पांच मिनट छोड़ दें। इनवेस्टिगेशन सीन्स में उन्हें थोड़ा अधिक अध्ययन करना पड़ा।

फिल्म का म्यूजिक

इस फिल्म का कोई भी गीत ऐसा नहीं है जिसे सुनकर आप गुनगुनाने लगें। मर्डर मिस्ट्री और सस्पेंस वाले सब्जेक्ट पर बनी फिल्मों में बैकग्राउन्ड म्यूजिक बहुत अच्छा होना चाहिए ताकि सीन्स प्रभावशाली हो सकें। लेकिन फिल्म का बैकग्राउन्ड संगीत भी अच्छा नहीं है।

image 158

यह फिल्म रेप जैसे जघन्य अपराधों पर सवाल खड़ी करती है, साथ ही दिव्यांग बच्चों के बेहतर भविष्य से जुड़े सॉल्यूशंस पर आधारित है। यही एक वजह है कि इस फिल्म को एक बार देखा जा सकता है।

उनके अभिनय का प्रभाव इतना गहरा है कि दर्शक उनकी हर अदा, हर संवाद और हर हावभाव को बड़े गौर से देखते हैं। नवाजुद्दीन ने अपने किरदार को पूरी सजीवता के साथ पर्दे पर उतारा है, जो दर्शकों को एक नई ऊर्जा और उत्साह से भर देता है।

‘रौतू का राज’ एक ऐसी फिल्म है जो अपने कमजोर कहानी और बिखरे हुए स्क्रीनप्ले के कारण दर्शकों को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाती, लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी की उत्कृष्ट अदाकारी ने इस फिल्म को एक नई ऊँचाई दी है। फिल्म में कई कमजोर कड़ियाँ हैं, लेकिन नवाजुद्दीन का अभिनय इसे देखने लायक बनाता है।

यदि आप नवाजुद्दीन सिद्दीकी के प्रशंसक हैं और उनकी अदाकारी को पसंद करते हैं, तो ‘रौतू का राज’ आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, अगर आप एक मजबूत कहानी और कसी हुई पटकथा की तलाश में हैं, तो यह फिल्म शायद आपको निराश कर सकती है।

फिल्म की कमजोरी के बावजूद, नवाजुद्दीन की अदाकारी के कारण ‘रौतू का राज’ एक बार देखने लायक जरूर है। उनकी प्रतिभा और काबिलियत इस फिल्म को एक नई पहचान देती है और दर्शकों को उनके किरदार से जोड़ने में सफल रहती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here