प्रदूषण की मार दिल्ली-एनसीआर में जबरदस्त जारी है। विंटर एक्शन प्लान और सरकार के कई इंतजामों के बाद भी AQI बदतर है। प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP का चौथा चरण लागू कर दिया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में जहरीले स्मॉग में सांस लेना मुश्किल हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी और आस-पास के इलाकों में बढ़ता प्रदूषण खतरे की घंटी बजा रहा है. दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम , फरीदाबाद, गाजियाबाद समेत एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में है।
दिल्ली एनसीआर के आसपास के इलाकों के साथ उत्तर भारत के कई इलाकों का हाल भी ऐसा ही है। इमरजेंसी जैसी हालत के बावजूद सियासी गलियारे में के आरोपों का दौर जारी है, कोई भी अपनी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। दिल्ली सरकार इस स्मॉग और खतरनाक हाल के लिए हरियाणा में चलाई जा रही पराली को जिम्मेदार बता रही है, तो वहीं बीजेपी पंजाब से आने पराली के धुएं पर सवाल उठा रही है।
इसी के चलते हरियाणा सरकार ने एक पत्र जारी करते हुए एनसीआर के जिलो के डीसी को आदेश दिया है कि वे अपने जिलो के स्कूलो को ऑफलाइन की बजाय ऑनलाइन क्लासेज के आदेश दे सकते है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अब जिलों के डीसी के हाथ पर फैसला है कि वह स्कूलों को ऑनलाइन क्लास देंगे या ऑफलाइन क्लास देंगे।
प्रदूषण के चलते दिल्ली में लागू हुआ GRAP 4
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट हिंदी दिल्ली एनसीआर में ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप का चौथा चरण लागू कर दिया है। हालांकि, इन कोशिशों के बीच फिलहाल कुछ दिन राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है
- स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
- स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
- स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
- स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर