कोबरा सांप की आंखें: भ्रांतियां और सच्चाई
कोबरा सांप एक खतरनाक शिकारी है, जो अपनी तेज दृष्टि के कारण बहुत दूर से अपने शिकार को देख सकता है। कोबरा और किंग कोबरा दोनों ही ऐसी सांप की प्रजातियाँ हैं, जिनकी दृष्टि बहुत तेज होती है। आइए, इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानते हैं कि कोबरा सांप कितनी दूर से इंसान या शिकार को देख सकता है और उसकी दृष्टि कितनी तेज होती है।
सांपों को लेकर कई भ्रांतियां हैं। इनमें से एक आम भ्रांति यह है कि सांप की आंखें नहीं होती हैं, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। सांपों की आंखें उनके सिर के ऊपरी हिस्से में स्थित होती हैं। सरीसृप विशेषज्ञों के मुताबिक, सांप और दूसरे जानवरों की आंखों में काफी फर्क होता है। सांप की आंखों में छड़ और शंकु कोशिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से वे दो डाइमेंशनल कलर (नीला और हरा) देख सकते हैं।
कोबरा और किंग कोबरा की दृष्टि
कोई सांप कितनी अच्छी तरह देख सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस प्रजाति का है, वह अपने प्राकृतिक आवास में कहां रहता है और क्या वह सतर्क है। उदाहरण के लिए, जो सांप दिन के समय शिकार करते हैं- जैसे कोबरा या किंग कोबरा, उनकी दृष्टि बहुत अच्छी होती है।
National Zoo की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोबरा और किंग कोबरा की प्रजातियां लगभग 330 फीट (100 मीटर) दूर तक चलते हुए व्यक्ति को देख सकती हैं। यह उनकी तेज दृष्टि और सतर्कता का प्रमाण है।
कोबरा की दृष्टि और अन्य सांपों से तुलना
सांप की ज्यादातर प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी दृष्टि बेहद खराब होती है। यही वजह है कि वे अपने आस-पास का अंदाजा लगाने के लिए हर समय अपनी जीभ बाहर निकालते रहते हैं। ताकि महसूस कर सकें कि उनके आसपास कोई जानवर, शिकार या कोई इंसान तो नहीं है।
सांपों की रात्रि दृष्टि
सांप की कई प्रजातियां रात के समय शिकार के लिए निकलती हैं। इसका कारण यह है कि उन्हें दिन में सूरज की रोशनी के मुकाबले रात में ज्यादा बेहतर दिखाई देता है। भारत में पाया जाने वाला कॉमन करैत इन्हीं में से एक है। यह सांप रात में शिकार को निकलता है और कई बार इंसान के बिस्तर में घुसकर काट लेता है।
कोबरा की दृष्टि के वैज्ञानिक पहलू
सांपों की आंखों में छड़ और शंकु कोशिकाओं की उपस्थिति उन्हें रंगों को पहचानने और देखने में सक्षम बनाती है। कोबरा सांप की आंखों में इन कोशिकाओं की विशेष बनावट और संवेदनशीलता होती है, जिससे वे दो प्रमुख रंगों- नीला और हरा को देखने में सक्षम होते हैं।
कोबरा की दृष्टि और उनके शिकार की क्षमता
कोबरा सांप की तेज दृष्टि उन्हें अपने शिकार को दूर से ही देख लेने में मदद करती है। जब एक कोबरा सांप अपने शिकार को देखता है, तो वह तेजी से उसके पास पहुंचता है और उसे काट लेता है। उनकी यह विशेषता उन्हें एक खतरनाक शिकारी बनाती है।
कोबरा सांप की दृष्टि: भ्रम और सच्चाई: सांपों में कई भ्रम हैं। जिनमें से एक आम भ्रांति है कि सांप की आंखें नहीं होती हैं, वास्तव में ऐसा नहीं है। सांपों के सिर के ऊपरी भाग में आंखें होती हैं। सरीसृप विशेषज्ञों का कहना है कि सांप और अन्य जानवरों की आंखें बहुत अलग होती हैं। सांप की आंखों में छड़ और शंकु कोशिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से वे दो रंगों को देख सकते हैं: नीला और हरा।
कोबरा और किंग कोबरा की दृष्टि बहुत तेज होती है और वे लगभग 330 फीट (100 मीटर) दूर तक चलते हुए व्यक्ति को देख सकते हैं। उनकी तेज दृष्टि और सतर्कता उन्हें एक कुशल शिकारी बनाती है। हालांकि, सांपों की ज्यादातर प्रजातियों की दृष्टि इतनी अच्छी नहीं होती, लेकिन कोबरा और किंग कोबरा इस मामले में अपवाद हैं। इसलिए, यदि आप कभी भी कोबरा सांप के आसपास हों, तो सतर्क रहें, क्योंकि यह खतरनाक शिकारी अपनी तेज दृष्टि से आपको दूर से ही देख सकता है।