American Xylazine: इस दवा को ट्रैंक या ट्रैंक डोप और जॉम्बी ड्रग जैसे नामों से जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल करने वाले शख्स की त्वचा सड़ने लगती है। टाइम मैगज़ीन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह ज़ाइलाज़ीन पशुओं को बेहोश करने में इस्तेमाल की जाती है। हालांकि कई लोग अब इसका हेरोइन जैसे ड्रग्स के लिए सिंथेटिक कटिंग एजेंट के रूप में करने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि जायलाज़ीन नामक यह ड्रग्स सबसे पहले फिलाडेल्फिया में पकड़ा गया, जिसके बाद सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिलिस से होते हुए देश भर के विभिन्न शहरों में इसकी खपत बढ़ने लगी है।
ड्रग्स का क्या-क्या असर
अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन जानवरों पर Xylazine के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी, लेकिन इंसानों के लिए यह बहुत ही घातक साबित हो सकता है। इस ड्रग्स के असर की बात करें इसका प्रभाव बेहोशी वाली दवा की तरह का ही है। इसे लेने वाले शख्स को नींद आने लगती है, सांसें धीमी हो जाती है और इसके साथ त्वचा में जख्म उभरने लगते हैं, जो इस ड्रग्स के बार-बार इस्तेमाल के साथ लगातार बढ़ता जाता है। वहीं एक वक्त ऐसा आता है कि इंसान की त्वचा इस कदर सड़ जाती है कि वक्त पर उचित इलाज न मिलने पर उस अंग को काटना तक पड़ जाता है।
इस ड्रग्स को लेकर अधिकारियों की चिंता बढ़ाने वाली एक और बात यह है कि जायलाज़ीन को जानवरों या इंसानों के लिए प्रतिबंधित श्रेणी में नहीं रखा गया है और अस्पताल भी इसकी जांच नहीं करते।