Women should wear Kumkum or sandalwood dot in Navratri, it helps in peace of mind and concentration | नवरात्र में महिलाओं को लगानी चाहिए कुमकुम या चंदन की बिंदी, इससे मिलती है मन की शांति और एकाग्रता में मदद

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21 दिन पहले

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  • मेडिकल साइंस के मुताबिक माथे के बीच में होती है पनियल ग्रन्थि, योग विज्ञान के अनुसार जहां बिंदी लगते हैं वहां होता है आज्ञा चक्र

नवरात्र में महिलाओं को कुमकुम की बिंदी लगाने की परंपरा है। ये महिलाओं के सोलह श्रृंगार में भी एक है। हिंदू धर्म में इसे जरूरी श्रृंगार या परंपरा माना जाता है। बिंदी लगाने से चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है। यही वजह है कि भारतीय महिलाओं का श्रृंगार बिंदी के बगैर अधूरा ही माना जाता है। बिंदी से चेहरे पर निखार आता है।

ये परंपरा व्यवहारिक तौर से तो महत्वपूर्ण है कि, सेहत के नजरिये से भी बिंदी लगाना बहुत खास माना गया है। काशी के पं. गणेश मिश्र का कहना है कि स्त्रियां एक समय पर कई विषयों पर मंथन करती रहती हैं। अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी बहुत कारगर साबित होती है। इससे मन शांत और एकाग्र रहता है।

मिलती है मन को शांति और एकाग्र रखने में मदद

  1. माथे के बीच की जगह जहां बिंदी लगाते हैं वो जगह सुप्राट्रोक्लियर नर्व से संबंधित है, जिसमें आंखों और त्वचा के लिए जरूरी फाइबर मौजूद हैं। यह आंखों को अलग-अलग दिशाओं में देखने में काफी मददगार है।
  2. मेडिकल साइंस के मुताबिक, माथे के बीच में ही पनियल ग्रन्थि होती है। जब यहां तिलक या बिंदी लगाई जाती है तो ये ग्रंथि अपना काम तेजी से करने लगती है।
  3. बिंदी लगाने से हार्मोन्स संतुलित रहते हैं। जिससे उदासी दूर होती है और मन में उमंग रहता है। इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है।
  4. योग विज्ञान के मुताबिक जहां बिंदी लगाई जाती है वहीं आज्ञा चक्र होता है। यह चक्र मन को भटकने से रोकता है। जब भी हम ध्यान मुद्रा में होते हैं तब हमारा ध्यान यहीं केंद्रित होता है। मन को एकाग्र करने के लिए इसी चक्र पर दबाव दिया जाता है।
  5. चंदन की बिंदी लगाने से दिमाग में शीतलता बनी रहती है और मन की एकाग्रता बढ़ती है।

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