मौसम कोई भी हो, लोग भोजन के साथ दही खाना पसंद करते ही हैं. हालांकि, गर्मियों के मौसम में इसकी मांग अधिक बढ़ जाती है. कुछ लोग दही का स्वाद चीनी के साथ लेते हैं, तो कुछ नमक के साथ. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दही में कुछ मिलाए बिना ही खा जाते हैं. लेकिन, ऐसा करना गलत है. क्योंकि, दही की तासीर गर्म होती है. इसकी प्रकृति अम्लीय होती है और इसे बिना कुछ मिलाए नहीं खाना चाहिए. इससे स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर दही का सेवन कैसे करें? सेहतमंद रहने के लिए दही में नमक मिलाएं या चीनी? ऐसे तमाम सवाल हैं जिनको लेकर लोग कंफ्यूजन में रहते हैं. लेकिन हकीकत क्या है?
डॉ. सर्वेश कुमार बताते हैं कि, आयुर्वेद में साफ कहा गया है कि दही को रात के वक्त खाने से बचना चाहिए. कोशिश ये भी करें कि दही का सेवन रोज न हो. इतना ही नहीं, सादा दही खाने के वजाय इसमें मूंग की दाल, शहद, घी, शक्कर और आंवला को मिलाकर खाएं. ऐसा करने से हेल्थ को कई बड़े फायदे होते हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक, नमक में भोजन का स्वाद अच्छा बनाने की क्षमता होती है. इसलिए दही में थोड़ी मात्रा में नमक मिलाने से कोई खास नुकसान नहीं होता है. जब आप रात में दही का सेवन कर रहे होते हैं, तो डॉक्टर नमक डालने का सुझाव देते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यह पाचन तंत्र को ठीक रखता है. यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर भी करता है, लेकिन दही का नेचर एसिडिक होता है. सीधे शब्दों में कहें तो यह पेट में गैस बनाता है. इसलिए दही में ज्यादा नमक डालकर खाने से बचना चाहिए.
दही में नमक या चीनी अधिक फायदेमंद क्या?
रोज दही में नमक मिलाकर खाने से स्किन की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. ऐसा करने से हेयरफॉल, उम्र से पहले सफेद बाल और स्किन पर फुंसी हो सकती हैं. इसलिए दही में नमक डालने से बचना चाहिए. वहीं, चीनी की बात करें तो दही में चीनी मिलाकर खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है. दरअसल,. दही में जब चीनी मिला दी जाती है तो उसकी तासीर ठंडी हो जाती है और इसे खाने से कोई नुकसान नहीं होता. दही में गुड़ मिलाना भी बेहद लाभकारी है.
हाई ब्लड प्रेशर मरीज बिल्कुल न डालें नमक
डॉक्टर के मुताबिक, जिनका ब्लडप्रेशर ज्यादा रहता है, उन्हें तो बिल्कुल भी दही में नमक नहीं मिलाना चाहिए. इससे स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, मनोभ्रंश और अन्य हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है. दूसरा, दही में नमक मिलाकर खाने से इसमें मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया मर जाते हैं. इससे हमारा पाचन तंत्र बिगड़ सकता है.