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- बिहार में मतदान 2020 तक अपडेट; मतदाता हिंसा करने वाले कोरोनोवायरस सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म्स सेंट्रल फोर्स सोल्जर्स इन मास्क, लेकिन बिहार पुलिस द्वारा किसी ने भी मास्क नहीं पहना है
पटना9 मिनट पहले
सीतामढ़ी के रीगा में मतदान केंद्र पर बिना मास्क के बिहार पुलिस के जवान।
- मतदान केंद्र पर इस्तेमाल किया हुआ ग्लव्स डस्टबिन की बजाय इधर-उधर फेंक दे रहे थे वोटर
- कई जगहों पर थर्मल स्कैनिंग मशीन भी नहीं कर रही थी काम
बिहार विधानसभा चुनाव में कोरोना गाइडलाइन को साइडलाइन कर दिया गया। पहले और दूसरे चरण के मतदान के दौरान कोरोना के प्रति लापरवाही की तस्वीर तीसरे चरण के मतदान में भी साफ-साफ झलकी। वोटर तो लापरवाह दिखे ही, पुलिस भी घोर लापरवाही बरतती नजर आई। यह तस्वीर सीतामढी के भवदेवपुर रीगा मतदान केंद्र की है। यहां पर केंद्रीय बल के जवान मास्क में तो दिखे, लेकिन बिहार पुलिस वाले एक जवान ने गले पर लटका रखा था मास्क तो दूसरे अधिकारी ने मास्क पहना ही नहीं था।
सीतामढ़ी के रीगा में मतदान केंद्र पर बिना मास्क लगाए पुलिस।
सीतामढी के प्राथमिक विद्यालय कपरौल बूथ पर कतार में लगे वोटर नहीं पालन करते दिखे सोशल डिस्टेंसिंग का नियम।
सीतामढ़ी में लापरवाही से मास्क पहने पुलिस के जवान।
कतार में सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर, ज्यादातर लोग मास्क तक नहीं पहने थे। मतदाता एक-दूसरे से इतना सटकर खड़े थे मानों कोरोना का कोई डर ही नहीं हो। कतार में खड़े लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते दिखे। कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान कराने का दावा पूरी तरह फेल नजर आया। बूथों पर वोटरों का ऐसा हुजूम दिखने लगा कि सोशल डिस्टेंसिंग जुमला बनकर रह गया। जिम्मेदार सुरक्षा को ताक पर रखकर मतदान कराते रहे।
सुपौल में पार्टी विशेष का मास्क लगाकर बूथ पर पहुंचा वोटर।
पार्टी विशेष का मास्क हटवाया
सुपौल के मतदान केंद्र पर लक्ष्मण मिस्त्री नाम का एक वोटर अपने चेहरे पर पार्टी विशेष का मास्क लगा रखा था। पुलिस की नजर जब उसके मास्क पर पड़ी तो तुरंत उसे यह मास्क हटाकर दूसरा मास्क पहनने या मुंह पर गमछा बांधने को कहा गया।
डस्टबिन के बावजूद जहां-तहां ग्लव्स फेंक दिये लोग
महिषी विधानसभा के बूथ नंबर 77 पर डस्टबिन होने के बावजूद लोग इधर-उधर इस्तेमाल किया हुआ ग्लव्स फेंकते दिखे। लोगों को यह पता ही नहीं था कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ग्लव्स दिए जा रहे हैं। इसलिए इसको इधर-उधर फेंकना जोखिम भरा हो सकता है। एक वोटर को जब टोका गया तब उसने ग्लव्स उठा कर डस्टबिन में रखा।
महिषी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं।
महिषी में मतदान केंद्र पर मतदाताओं में उत्साह तो था, भीड़ भी काफी रही, लेकिन कोरोना के प्रति लापरवाही साफ झलकी। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते दिखे।
बाजपट्टी के हरपुरवा बूथ पर सबका टेम्प्रेचर 71 बता रही थी थर्मल स्कैनिंग मशीन।
काम ही नहीं कर रही थी थर्मल स्कैनिंग मशीन
सीतामढ़ी के बाजपट्टी के हरपुरवा बूथ पर थर्मल स्कैनिंग मशीन काम नहीं कर रही थी। हर किसी का टेम्प्रेचर 71 से 80 के बीच बता रहा था। ऑब्जर्वर भी दैनिक भास्कर के सवाल का जवाब नहीं दे पाए। खराब थर्मल स्कैनर पर कोई जवाब नहीं दिया। कई बार कहा गया कि खुद का टेम्प्रेचर लीजिए, लेकिन बोले वह स्वस्थ हैं। दूसरी मशीन की बात कहकर चले गए, लेकिन स्कैनर को नहीं बदला गया। बूथ नंबर 40, 40 a, 41, 41a में आने वाले किसी भी मतदाता की स्कैनिंग सही से नहीं हो रही थी। लोगों का कहना है कि सिर्फ औपचारिकता के लिए थर्मल स्कैनिंग की जा रही थी। ऐसे में कोरोना के लक्षण वाले लोगों की पहचान ही नहीं हो पा रही थी।
किशनगंज में वोटरों की कतार में नहीं दिख रही थी सोशल डिस्टेंसिंग।
सीतीमढी के बाजपट्टी में बूथ पर नहीं दिख रही थी सोशल डिस्टेंसिंग।
किशनगंज में मतदान केंद्रों पर वोटर न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे और ना ही मास्क को लेकर गंभीर नजर आए।
किशनगंज के सपटिया विशनपुर बूथ पर बच्चे के साथ बिना मास्क के कतार में खड़ीं महिलाएं।
बच्चे की जान लीजिएगा क्या?
मतदान केंद्रों पर बिना मास्क के भीड़ में खड़ीं महिलाओं को न अपनी फिक्र थी और ना बच्चे की चिंता। कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए मास्क पहनना सबके लिए जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कतार में खड़ा होना है, लेकिन किशनगंज से आई यह तस्वीर कोरोना को लेकर बड़ी लापरवाही दिखा रही थी। इस तरह बिना मास्क के बच्चे को लेकर भीड़ में खड़े होने से कोरोना संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। किशनगंज के बूथ संख्या 243 पर मास्क का वितरण नहीं किया जा रहा था। सिर्फ सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग की जा रही थी।
सरायरंजन के अल्फा मध्य विद्यालय एलौथ बूथ पर डस्टबिन नहीं होने से जहां-तहां बिखरा पड़ा दिखा ग्लव्स।
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