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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार (1 मार्च) को कहा कि FASTag के अनिवार्य उपयोग से हर साल ईंधन लागत पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे राजस्व में कम से कम 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।
गडकरी के हवाले से कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक टोल के संग्रह के लिए राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए फस्टैग बनाना अनिवार्य कर दिया गया है, इससे टोल प्लाजा पर होने वाली देरी में काफी कमी आई है। इससे ईंधन लागत पर प्रतिवर्ष 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
मंत्री ने देश भर के टोल प्लाजा पर हालत का आकलन करने के लिए एक लाइव निगरानी प्रणाली शुरू की। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा की लाइव निगरानी के माध्यम से, व्यक्ति न केवल देरी सहित विशेष टोल प्लाजा पर लाइव स्थिति का उपयोग कर सकता है, बल्कि यातायात का इतिहास और यातायात स्थिति का लगभग यथार्थवादी पूर्वानुमान प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने इस अवसर पर एक रेटिंग प्रणाली – ‘रेटिंग और रैंकिंग ऑफ नेशनल हाइवे स्ट्रेच’ भी जारी की। गडकरी ने कहा कि यह राजमार्ग उपयोग, निर्माण और गुणवत्ता के मामले में पूर्णता प्राप्त करने की दिशा में एक कदम था।
गडकरी ने आगे कहा कि सरकार टोलिंग के लिए एक नया जीपीएस-आधारित सिस्टम लाने की योजना बना रही है। इस प्रणाली के तहत, राजमार्ग यात्रियों को केवल प्रवेश और निकास बिंदुओं के आधार पर तय की गई दूरी के लिए भुगतान करना होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को पेश किए जाने में लगभग दो साल लगेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि FASTag का उपयोग अनिवार्य किए जाने के बाद टोल संग्रह लगातार बढ़ा है। इसने कहा कि फास्टैग के माध्यम से इसका दैनिक टोल संग्रह लगभग 104 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
गडकरी ने कहा कि कुल टोल प्लाजा के 80 प्रतिशत पर शून्य प्रतीक्षा समय है और पिछले एक पखवाड़े के दौरान इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग के माध्यम से टोल संग्रह 80 प्रतिशत से 93 प्रतिशत तक पहुंच गया है, क्योंकि फस्टाग को अनिवार्य किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि राजमार्गों के किनारे हरे वृक्षारोपण कवर को बेहतर बनाने के लिए पौधों की ई-टैगिंग की जाएगी।
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