Turmeric for acidity : अब होगी अपच की समस्या जड़ से दूर, चुटकी भर हल्दी को करें इस्तेमाल

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Turmeric for acidity : भारत में धर्म, खानपान और संस्‍कृति को लोग बहुत महत्‍व देते है. हल्‍दी को भी आयुर्वेदा में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी काफी पवित्र होती है.

अपनी पवित्रता के कारण ही हल्दी को पूजा-अर्चना और विवाह समारोह में इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी को गुणों की खान और शरीर के लिए वरदान माना जाता है.

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एंटीबायोटिक की तरह करती है काम

हल्दी एक एंटीबायोटिक की तरह हमारे शरीर में काम करती है और विभिन्न प्रकार के रोगों और इनफेक्‍शन से हमारे शरीर को बचाती है. इसे ज्यादातर हल्‍दी वाले दूध के रूप में उपयोग किया जाता रहा है.

हाल ही में हुए एक खुलासे के मुताबिक हमारे शरीर में अपच (Indigestion) जैसी मुस्किल समस्या से बचने के लिए हल्दी को उपयोग में ले सकते है. माना जा रहा है की पेट में अधिक अम्‍लता (Acidity) को भी खत्म करने के लिए इसका काफी महत्व है.

क्या है एसिडिटी

एसिडिटी के समय शरीर में ऐसी स्थिति बन जाती है जिसके कारण हमारे पेट के ऊपरी हिस्से में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. इस बढ़े हुए एसिड के कारण ही अपच, उल्टी, पेट में तकलीफ और जलन की समस्‍या उत्पन होती है.

दरअसल, भोजन में तीखे मसाले, खाना समय पर नहीं खाना और कई बार हद से ज्यादा खाना खाने पर यह समस्या हो जाती है. यह सुनने में छोटी सी बात है पर हमारे शरीर पर इसका बहुत प्रभाव पड़ता है.

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परीक्षण के जरिए हो रहा है साबित

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की एक स्टडी के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन नामक प्राकृतिक रूप से सक्रिय यौगिक होता है जिसमें सूजन और रोगाणुरोधी गुण है और इसका उपयोग अपच के लिए भी किया जाता है.

थाईलैंड ने इसके लिए अपच की वजह से परेशान 18 से 70 वर्ष की उम्र के रेंडमली चुने गए 206 मरीजों के तीन ग्रुप पर 28 दिनों की अवधि के लिए परीक्षण किया गया था.

हालांकि शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है कि इस उपयोग के लिए पारंपरिक दवाओं की तुलना में हल्‍दी कितनी अच्‍छी साबित होती है.

शुद्धता और पवित्रता का उदाहरण है हल्‍दी

भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में हल्दी का महत्व औषधि से कहीं अधिक है.हल्दी को शुभ और पवित्र मानता है.पूजा या धार्मिक कार्य में हल्दी आवश्यक है.

अथर्ववेद में इसे शरीर के शुद्धिकरण के लिए उपयोगी माना जाता है तो वैदिक युग में सूर्यदेव की पूजा में इसे विशेष माना गया है.विवाह का बंधन हल्दी के बिना अधूरा माना जाता है.

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विवाह के दौरान वर या वधु को हल्‍दी लगाई जाती है. हल्दी में एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. हल्‍दी लगानेसे स्किन से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और त्वचा पर जमी हुई गंदगी पूरी तरह साफ से हो जाती है और त्वचा की चमक बढ़ती है.

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