एक महान करियर का अंत
Germany’s के मिडफील्डर Toni Kroos ने यूरो 2024 में स्पेन के खिलाफ 2-1 की क्वार्टर फाइनल हार के बाद भी टीम के भविष्य को लेकर आशावाद व्यक्त किया। Kroos, जिन्होंने इस टूर्नामेंट के बाद फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की थी, ने जर्मनी की राष्ट्रीय टीम के साथ अपने अंतिम प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लगभग एक दशक के खराब प्रदर्शन के बाद, जर्मनी ने इस बार एक शानदार प्रदर्शन किया।
मैच का विवरण
पहले हाफ में कोई गोल नहीं हुआ, लेकिन दूसरे हाफ में स्पेन ने बढ़त बनाई जब 16 वर्षीय विंगर लामिन यामल ने डानी ओलमो के पास को गोल में बदला। Germany’s ने 89वें मिनट में फ्लोरियन विर्ट्ज के गोल के साथ मुकाबला बराबर कर दिया, जिससे मैच अतिरिक्त समय तक खिंच गया। जर्मनी का हैंडबॉल के लिए एक पेनल्टी अपील को खारिज कर दिया गया और स्पेन के मिकेल मेरीनो ने 119वें मिनट में विजयी गोल दागा।
Kroos की प्रतिक्रिया
“हमने सब कुछ झोंक दिया, इतनी करीब होकर हारना कड़वा है,” Kroos ने ARD को बताया। “अभी मुख्य ध्यान हमारे बाहर होने पर है, क्योंकि हमारा लक्ष्य अधूरा रह गया और हमारा सपना खत्म हो गया।”
टीम के भविष्य के लिए आशा
34 वर्षीय Kroos ने जोर देकर कहा कि जर्मन football का भविष्य उज्जवल है और टीम ने प्रशंसकों और समर्थकों में उम्मीद जगाई है। “हम सभी को गर्व होना चाहिए कि हमने क्या किया। मुझे खुशी है कि मैंने मदद की, मुझे लगता है कि हमने जर्मन फुटबॉल को फिर से उम्मीद दी और हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए, बेहतर होते गए।”
कोच नागेल्समैन का समर्थन
Germany’s के कोच जूलियन नागेल्समैन, जिन्होंने Kroos को EURO के लिए अंतरराष्ट्रीय संन्यास से बाहर आने के लिए प्रेरित किया, ने इस महान खिलाड़ी की तारीफ की। “Toni के करियर को ज्यादा महत्व देना असंभव है। वह Germany’s के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक रहे हैं।” नागेल्समैन ने कहा कि Kroos ने हार के बाद खिलाड़ियों से बात की और कहा कि “वह हमेशा इस समूह का हिस्सा महसूस करेंगे।”
Kroos का करियर: एक संक्षिप्त समीक्षा
टॉनी Kroos का करियर असाधारण रहा है। रियल मैड्रिड और बायर्न म्यूनिख जैसे प्रतिष्ठित क्लबों के लिए खेलते हुए, उन्होंने कई चैंपियंस लीग, लीग खिताब और व्यक्तिगत पुरस्कार जीते हैं। उनकी सटीक पासिंग, गेंद पर नियंत्रण और मैदान पर उनकी समझ ने उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डरों में से एक बना दिया। राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए, उन्होंने 2014 में जर्मनी को विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यूरो 2024: Kroos का अंतिम प्रयास
Kroos ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से पहले ही संन्यास ले लिया था, लेकिन यूरो 2024 के लिए उन्होंने अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए एक बार फिर से मैदान पर उतरने का फैसला किया। कोच नागेल्समैन के आग्रह पर, क्रूस ने टीम को अपनी अनुभवी उपस्थिति से मजबूती दी। उनका लक्ष्य था कि जर्मनी को एक और बड़ा खिताब दिलाने में मदद करें, लेकिन दुर्भाग्यवश टीम क्वार्टर फाइनल में ही बाहर हो गई।
युवाओं के लिए प्रेरणा
Kroos ने अपने करियर में जो कुछ भी हासिल किया है, वह युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने हमेशा मेहनत, समर्पण और अनुशासन को प्राथमिकता दी। उनके खेल की समझ और मैदान पर उनकी सोचने की क्षमता ने उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाया। उनके इस गुण ने युवा खिलाड़ियों को सिखाया है कि कैसे एक पेशेवर खिलाड़ी को अपने खेल में सुधार करना चाहिए और अपने देश का गर्व बनना चाहिए।
जर्मन फुटबॉल का पुनरुत्थान
यूरो 2024 में जर्मनी के प्रदर्शन ने यह दिखाया कि टीम ने पिछले कुछ वर्षों में कितनी प्रगति की है। नए कोच नागेल्समैन के नेतृत्व में, टीम ने एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ खेला। क्रूस की वापसी ने टीम को अतिरिक्त अनुभव और स्थिरता प्रदान की। हालांकि टीम फाइनल तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन उन्होंने अपने खेल से प्रशंसकों को उम्मीद दी कि जर्मन फुटबॉल फिर से अपनी चमक वापस पा सकता है।
विदाई के बाद का समय
Kroos ने अपने संन्यास के बाद अपने परिवार के साथ समय बिताने और फुटबॉल से बाहर के जीवन का आनंद लेने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि वे भविष्य में किसी दिन कोचिंग या फुटबॉल प्रशासन में भूमिका निभा सकते हैं। उनके ज्ञान और अनुभव को देखते हुए, यह निश्चित है कि वे किसी भी भूमिका में अपनी छाप छोड़ेंगे।
समर्थकों के लिए संदेश
क्रूस ने अपने समर्थकों के लिए एक भावुक संदेश दिया। “मैं हमेशा आपके समर्थन के लिए आभारी रहूंगा। आपने मुझे हमेशा प्रेरित किया और मेरे हर कदम पर मेरा साथ दिया। मैं वादा करता हूं कि मैं हमेशा जर्मन फुटबॉल का समर्थक रहूंगा और किसी न किसी रूप में इसके साथ जुड़ा रहूंगा।”
टॉनी Kroos का करियर जर्मन फुटबॉल और विश्व फुटबॉल के लिए प्रेरणा है। उनके प्रयासों और सफलताओं को हमेशा स्मरण किया जाएगा। यूरो 2024 में उनकी विदाई ने जर्मन फुटबॉल को नई दिशा और उम्मीदें दी हैं। जर्मन टीम, उनकी प्रेरणा से, निश्चित रूप से भविष्य में और भी बड़े लक्ष्यों को छूएगी। क्रूस एक महान खिलाड़ी के रूप में चले गए, लेकिन उनकी विरासत हमेशा रहेगी।
Kroos ने अपने संन्यास के बावजूद टीम में आशा और प्रेरणा जगाई है। उन्होंने अपने साथियों को प्रोत्साहित किया और भविष्य में सफलता की उम्मीद जताई। यह देखना दिलचस्प होगा कि जर्मन फुटबॉल टीम इस प्रेरणा का कैसे उपयोग करती है और भविष्य में कैसा प्रदर्शन करती है।
EURO 2024 के इस कड़वे अंत के बावजूद, टॉनी Kroos की विदाई ने Germany’s की टीम और उसके प्रशंसकों को एक नई दिशा और उम्मीद दी है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी प्रेरणा से जर्मन टीम भविष्य में नई ऊंचाइयों को छूने का प्रयास करेगी।