Anti-National-Toolkit: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को ब्रिटेन में अपनी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और कहा कि वह ‘राष्ट्र-विरोधी टूलकिट’ का एक स्थायी हिस्सा बन गए हैं। नड्डा ने (एएनआई) को बताया, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि (congress party) कांग्रेस पार्टी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। लोगों द्वारा बार-बार ठुकराए जाने के बाद (Rahul Gandhi) राहुल गांधी भारत के खिलाफ काम करने वाले ‘टूलकिट’ का स्थाई हिस्सा बन गए हैं।”
नड्डा ने ‘भारत के आंतरिक मामलों में दूसरे देश के हस्तक्षेप की मांग करने’ पर राहुल गांधी से उनकी मंशा के बारे में सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी, जब आप भारत के आंतरिक मामलों में किसी दूसरे देश के हस्तक्षेप की मांग करते हैं, तो आपका क्या इरादा है?’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक ओर आज भारत (Prime Minister Modi) प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया की (#5th largest economy) 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है और वहीं जी20 की बैठकें हो रही हैं, राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश और संसद का अपमान कर रहे हैं। मैं राहुल गांधी से जानना चाहता हूं इसके पीछे उनका क्या इरादा है?’
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए… आजादी के बाद से भारत के इतिहास में, यहां तक कि सबसे कठिन समय में भी, भारत के किसी भी नेता ने कभी भी विदेशी शक्तियों से भारत सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील नहीं की। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह एक बहुत ही गंभीर मामला है।’
भाजपा नेता ने कहा, ‘राहुल गांधी जी, भारत लोकतंत्र की जननी है। दुनिया की कोई ताकत भारत की लोकतांत्रिक विरासत को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आज देश में आपकी पार्टी की कोई नहीं सुनता, जनता आप पर भरोसा नहीं करती। यही कारण है कि आपकी पार्टी का लगभग सफाया हो गया है।’ उन्होंने आगे कहा, (#George Soros and Rahul Gandhi) ‘जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी एक ही भाषा क्यों बोलते हैं? पाकिस्तान और कांग्रेस एक जैसी क्यों बोलते हैं?’
इस बीच, गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी संसद में गतिरोध जारी रहा और सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल अपने-अपने रुख पर कायम रहे। भाजपा ने ब्रिटेन में अपनी टिप्पणी पर राहुल गांधी से माफी की मांग की, जबकि विपक्षी सदस्यों ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की (#joint parliamentary committee) संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने का दबाव बनाया।