Those using less than 10 thousand liters no longer need NOC | 10 हजार लीटर से कम पानी का प्रयोग करने वालों को अब एनओसी की जरूरत नहीं

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पानीपत4 घंटे पहले

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मीटिंग में उपस्थित उद्यमी।

  • केंद्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने कैम्प लगा उद्यमियों को दी जानकारी
  • 10 डाइंग हाउस को दी अनुमति, सेल्फ रिकमंडेशन फार्म करना होगा जमा

सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने भूमिगत जल दोहन की एनओसी देने के लिए उद्यमियों को राहत दी है। अब 10 हजार लीटर से कम पानी का प्रयोग करने वाले उद्यमियों को एनओसी लेने के लिए मात्र सेल्फ रिकमंडेशन फार्म जमा कराना होगा। पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी था। इस कारण एक साल से आवेदन रुके हुए थे। उद्यमी एनओसी का इंतजार कर रहे थे। अब जल आयोग ने जल का दोहन करने की नई दरें भी लागू कर दी हैं।

इसको लेकर जल आयोग के अधिकारियों ने शुक्रवार को पानीपत में कैंप भी लगाया। 10 डाइंग हाउस को जल दोहन की एनओसी भी जारी की। इसके साथ ही नई दरों के बारे में बताया। शुक्रवार को जीटी रोड स्थित निजी होटल में अथॉरिटी के द्वारा कैंप लगाया गया। अथॉरिटी के मेंबर संजय मारवाह और रीजनल डायरेक्टर अनूप नागर मुख्य रूप से इस कैंप में रहे।

संजय मारवाह ने बताया कि प्राधिकरण ने परमिशन देने का रास्ता साफ कर दिया है। इसको लेकर 24 सितंबर को नया नोटिफिकेशन अथॉरिटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। बताया कि एमएसएमई कैटेगरी में आने वाले सभी इंडस्ट्रियों को अब एनओसी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। 10 हजार लीटर से कम पानी का प्रयोग करने वाली इंडस्ट्रियों को एनओसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह सिर्फ सेल्फ रिकमंडेशन फार्म करना होगा जमा कर जल दोहन कर सकती हैं।

1 प्लांट की थी एनओसी

पानीपत में हर रोज 5 करोड़ लीटर से अधिक भूमिगत जल का दोहन होता है। इस कारण ही पानीपत के समालखा और बापौली क्षेत्र काे डार्क जोन घोषित किया है। एक साल पहले केंद्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने जल दोहन के लिए एनओसी जरूरी कर दी थी। सितंबर 2019 में करीब 90 इंडस्ट्रियों ने एनओसी के लिए आवेदन किया था। पानीपत में एक पेय कंपनी को छोड़कर कोई भी इंडस्ट्री अथॉरटी द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा नहीं कर सकी थीं। इसलिए सभी के आवेदन पेंडिंग थे।

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