कैंसर से बचाव के लिए यह तेल है बड़ा लाभदायक, घर में निकालें

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घरों की रसोई में सरसों के तेल का उपयोग आम बात है. उत्तर भारत में सरसों के तेल का प्रयोग खाना बनाने के लिए किया जाता है. अधिकतर खाद्य पदार्थों को सरसों के तेल में ही बनाया जाता है. हालांकि, लोग सरसों के तेल के औषधीय गुणों के बारे में कम जानते हैं. सरसों का तेल कई गुणों से युक्त है. सरसों के तेल का सेवन कई प्रकार के रोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है.

सरसों के तेल के सेवन और मालिश से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. Local 18 से बातचीत में बागवानी एक्सपर्ट और नौणी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत प्रोफेसर एसपी भारद्वाज ने बताया कि सरसों के तेल का प्रयोग जहां भारतीय घरों में खाना पकाने के लिए किया जाता है, वहीं इसके अन्य औषधीय लाभ भी हैं. यह विभिन्न बीमारियों को रोकने के लिए कारगर साबित हो सकता है.

सरसों के तेल में ओमेगा 3 और ओमेगा 6
सरसों के तेल में विभिन्न प्रकार के फैटी एसिड और फैट्स पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भी मौजूद है. सरसों के तेल में 60 प्रतिशत मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड, 21 प्रतिशत पॉली सैचुरेटेड फैट्स, 12 प्रतिशत सैचुरेटेड फैट, 6 प्रतिशत ओमेगा 3 फैटी एसिड और 15 प्रतिशत ओमेगा 6 फैटी एसिड पाए जाते है.

क्या है सरसों के तेल के लाभ
सरसों के तेल का सेवन सर्दी-जुकाम और दिल की बीमारी के लिए बहुत कारगर साबित होता है. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टी होती है. सरसों का तेल रेड ब्लड सेल को बढ़ावा देता है और मजबूत करता है. यह स्टिमुलंट का काम करता है और शरीर में होने वाले दर्द से भी निजात दिलाता है. सरसों का तेल डायबिटिक एसिड को कम करता है और भूख को बढ़ाता है. इसके अलावा यह कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने में भी सहायक होता है.

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