The villagers are raising the flag of protest while preparing for the municipal elections in the city | शहर में नगर निगम के चुनाव की तैयारी तो ग्रामीण उठाए हुए हैं विरोध का झंडा

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सोलन10 घंटे पहले

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  • पंचायतों के क्षेत्र मिलाने के खिलाफ ग्रामीण बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी में

(पवन ठाकुर) सोलन शहर में नगर निगम के चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन आसपास की पंचायतों के लोग अभी अपने क्षेत्रों के नगर निगम में विलय के खिलाफ विरोध का झंडा उठाए हुए हैं। हालांकि सरकार ने आठ पंचायतों के सभी क्षेत्र न लेकर कुछ हिस्सा लेकर बीच का रास्ता चुना है, पर अभी भी पंचायतों के लोग इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं और आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उधर, नगर निगम के वार्डों की डीलिमिटेशन के प्रस्ताव के लिए लोगों से आपत्तियां व सुझाव मांगे हैं। इसके लिए सात दिन का समय दिया है।

लंबे संघर्ष के बाद आखिर सोलन को नगर निगम का तोहफा मिला है। इसके शहर की कई संस्थाओं ने अपना योगदान दिया है। सोलन नगर परिषद काे अपग्रेड करने को लेकर नवंबर, 2014 में पहली बार सदन में प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा गया था।

इस पर कई बार पत्राचार करने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने सोलन को नगर निगम बनाने का वादा किया था। 2017में शहर की करीब 40विभिन्न संस्थाओं ने मिलकर पूर्व नगर परिषद कुल राकेश पंत के नेतृत्व में सोलन नगर निगम संघर्ष समिति का गठन किया।

समिति में राजनीतिक दलों,सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के लोग शामिल किए गए। इस समिति ने हस्ताक्षर अभियान और पोस्टकार्ड अभियान चलाए। इसके साथ ही पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता ने नगर निगम समिति बनाई। इस समिति ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर अपने हिसाब से नगर निगम की पैरवी की। इसके अलावा भी भाजपा की ओर से कई प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिले और उन्होंने शहर के लोगों को दिवाली से पहले नगर निगम का तोहफा भी दे दिया।

17 वार्डों का प्रस्ताव तैयार
जिला प्रशासन ने नगर निगम के लिए17 वार्डों का प्रस्ताव रखा है। सोलन नगर परिषद में 15 वार्ड थे, इसमें दो और वार्डों को जोड़ने का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसके साथ ही डीलिमिटेशन से तकरीबन सभी वार्डों का नाम बदल रहा है और कुछ एरिया घटाया व बढ़ाया भी जा रहा है।

नंबर बदलने को लेकर कई आपत्तियां जिला प्रशासन के पास पहुंच गई है क्योंकि इससे लोगों को अपने दस्तावेजों में भी पते बदलवाने होंगे। नगर निगम को लेकर चल रहे इस विवाद पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही नगर निगम का एरिया तय किया जाएगा। इसका अंतिम निर्णय जन भावना के अनुरूप ही होगा।

अब पंचायतों के लोगों की नाराजगी
नगर निगम बनने से बेशक शहर के लोग तो खुश हो गए, लेकिन पंचायतों का कुछ एरिया नगर निगम में मिलाने को लेकर ग्रामीण नाराज हैं। इसके विरोध में ग्रामीण संघर्ष समिति ने बीते सोमवार भीर को रोष रैली निकाली और डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

समिति पंचायतों का पूरा क्षेत्र नगर निगम से बाहर रखने की मांग पर अड़ी हुई है। समिति ने ऐलान किया है कि यदि उनकी मांग को सरकार नहीं मानती ताे आने वाले दिनों में आंदोलन का उग्र रूप दिया जाएगा और चक्का जाम तक करने से पीछे नहीं हटेंगे।

समिति के सचिव मनोज वर्मा कहना है कि सोलन नगर निगम बनाने के लिए मौजूदा 15वार्डों की जनसंख्या से ही बन सकती है तो फिर क्यों पंचायतों के क्षेत्र को इसमें मिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्र जो अभी मर्जर से बाहर हैं वह यह न सोचे कि वे बच गए। आने वाले दिनों में वह क्षेत्र भी नगर निगम में मिलाए जाएंगे।

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