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- रोगी का रक्त समूह एक सकारात्मक था, लैब ने ओ पॉजिटिव रिपोर्ट किया; उपभोक्ता आयोग ने 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
चंडीगढ़7 घंटे पहले
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फाइल फोटो
एक महिला की सर्जरी होनी थी। हॉस्पिटल ने कुछ जरूरी टेस्ट लिख दिए जोकि उन्होंने सेक्टर-11 की प्राइवेट लैब फ्यूचर डायग्नोस्टिक से करवाए। लेकिन लैब ने रिपोर्ट में उनका ब्लड ग्रुप ही बदल दिया। जिस वजह से उनकी सर्जरी में देरी हो गई। अब इस लापरवाही के लिए लैब को भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने फ्यूचर डायग्नोस्टिक लैब पर 3 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। कमीशन ने सेक्टर-15 की रहने वाली पूर्वी की शिकायत पर लैब के खिलाफ ये फैसला सुनाया। लैब को एक लाख रुपए तो बतौर मुआवजा अदा करने पड़ेंगे जबकि दो लाख रुपए कंज्यूमर लीगल एड फंड में जमा करवाने होंगे।
पूर्वी के वकील आदित्य वर्मा ने बताया कि उनके पेट में इन्फेक्शन था जिसके लिए उनकी सर्जरी होनी थी। सेक्टर-22 जनरल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने उन्हें कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहा। पूर्वी ने 27 फरवरी 2018 को सेक्टर-11 की फ्यूचर डायग्नोस्टिक लैब से ब्लीडिंग टाइम, क्लॉटिंग टाइम, हिमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुपिंग, यूरिन आर/एम, हैपेटाइटस बी, एचसीवी, एचआईवी, फास्टिंग ब्लड शूगर टेस्ट करवाए।
इन टेस्ट के लिए लैब ने 2500 रुपए फीसली। लेकिन जब टेस्ट की रिपोर्ट आई तो उसमें पूर्वी का ब्लड ग्रुप ओ पॉजीटिव लिख दिया जबकि उनका ब्लड ग्रुप ए पॉजीटिव था। पूर्वी के पति वासु जब रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास गए तब उनकी रिपोर्ट पर नजर पड़ी। जिसमें गलत ब्लड ग्रुप लिखा था। उन्होंने फिर लैब से बात की तो उन्होंने कहा कि ये गलती से हो गया।
लैब स्टाफ ने कहा कि वे दोबारा रिपोर्ट दे देते हैं जिस पर वासु ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह तो वे किसी की भी टेस्ट रिपोर्ट बना सकते हैं। इसलिए उन्होंने पूर्वी का किसी और लैब से टेस्ट करवा लिया जहां उनकी सही रिपोर्ट आई। इसके बाद उन्होंने सर्जरी करवा ली। सर्जरी के बाद उन्होंने फ्यूचर लैब से बात की तो उन्होंने उनकी एक न सुनी। जिसके बाद पूर्वी ने लैब के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दी।
लैब ने ये दिया जवाब…
लैब ने कमीशन में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी कोई गलती नहीं है। लैब ने कहा कि वे सैंपल क्लेक्ट करते हैं और उनका टाइअप एसएन पैथ लैब से है और ये गलती उन्हीं की तरफ से हुई है। लेकिन उनकी ये दलील कंज्यूमर कमीशन में नहीं चली।
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