The in-laws bled the daughter-in-law Cheherta police did not even write a complaint | ससुरालियों ने बहू को किया लहूलुहान छेहर्टा पुलिस ने कंप्लेंट तक नहीं लिखी

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अमृतसर12 मिनट पहले

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  • पीड़ित को ही 7 घंटे थाने में रखा, मेडिकल नहीं होने दिया, कराया जब्री राजीनामा… 1 दिन बाद कोर्ट के माध्यम से करवाया मेडिकल

थाना छेहर्टा के अधीन आते इलाका भल्ला काॅलोनी में ससुरालियों ने अपनी बहू को मायके घर में घुसकर आकर इतना पीटा कि उसके सिर में से खून बहने लगा। उसके सिर पर किरचे तक मारी गई। महिला की मां और भाभी के साथ भी मारपीट की गई। इसके बाद आरोपी फरार हो गए। इसके कुछ देर कुछ पुलिस मुलाजिम आए, जो पीड़ितों को ही थाने ले गए। पीड़ितों को 7 घंटे तक थाने में ही रखा गया। पीड़िता ने अपनी शिकायत थाने में देनी चाहिए, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं की गई।

उनका मेडिकल तक नहीं होने दिया गया। 7 घंटे के बाद रात को थाने से छोड़ा गया। कोई सुनवाई न होते देख पीड़ित परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद उनका मेडिकल हुआ। दूसरी तरफ फिलहाल थाना छेहर्टा की प्रभारी राजविंदर कौर ने परिवार के सभी आरोपों को नकारा है। पीड़ित महिला बलजिंदर कौर का कहना है कि उसकी शादी अजैबवाली के आर्मी जवान के साथ जनवरी 2016 में हुई थी। उसके सौतेला ससुर और सौतेला देवर उसके साथ अश्लील हरकतें करते रहते थे। जिसके बाद वह घर आ गई। पिछले तीन महीने से अपने मायके घर रह रही थी।

देवर अश्लील हरकतें करता था, इसलिए तीन महीने से मायके में रह रही हूं : बलजिंदर कौर

पीड़िता बलजिंदर कहा कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है। उसने अपने पति को कहा कि जहां उसकी ड्यूटी है, उसे वहां ले जाए। इस बाबत उसने सीईओ को भी पत्र लिखे कि उन्हें क्वार्टर उपलब्ध करवाए जाए। उन्हें क्वार्टर मिल भी गया, लेकिन पति ने इनकार कर दिया। 10 नवंबर 2020 को उसके ससुर और देवर अपने 20-25 साथियों के साथ घर आए। उसकी मां ने उन्हें बैठाया, लेकिन इतने में ही ससुर और देवर उससे बहस करने लगे और मारपीट करने लगे। इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि उसके सिर से खून निकल आया।

उसकी मां और भाभी को भी पीटा। इसके कुछ देर बाद कुछ पुलिस मुलाजिम आए और उन्हें थाने ले गए। थाना प्रभारी राजविंदर कौर ने इतना दुर्व्यवहार किया कि वह बता भी नहीं सकती। उन्हें दोपहर साढ़े 4 बजे से रात 10.30 बजे थाने में रखा गया। पुलिस ने उन पर दबाव बनाकर जबरन राजीनामा करवा दिया। इसलिए हार कर उन्होंने सिविल जज की अदालत का दरवाजा खटखटाया और उन्होंने तुरंत मेडिकल करने के निर्देश दिए। 11 नवंबर को आदेश दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अपना मेडिकल करवाया। अभी रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

आपसी सहमति से राजीनामा करवाया, सभी आरोपी बेबुनियाद : एसएचओ राजविंदर कौर
थाना प्रभारी राजविंदर कौर के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। दोनों ही परिवार वालों ने आपसी रजामंदी के साथ राजीनामा कर लिया था। दोनों पार्टियों ने लिखकर भी दिया था। उन्होंने कहा कि पहले तो दोनों ही थाने के बाहर लड़ते रहे, पुलिस दोनों को अंदर लाई और 7/51 की कार्रवाई करने लगी थी। लेकिन लड़की का भाई नौकरी करता है तो उन्होंने उसे बचाने की खातिर घर चले गए।

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