Swadeshi Jagran Manch said banning green firecrackers is unfair | स्वदेशी जागरण मंच ने कहा- ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लगाना अनुचित

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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फाइल फोटो

  • बिना वैज्ञानिक आधार के पटाखे पर प्रतिबंध को लेकर आरएसएस ने जताई नाराजगी
  • सुप्रीम कोर्ट भी अक्टूबर 2018 में दीपावली पर पटाखे जलाने के लिए दे रखी है दो घंटे की अनुमति

भास्कर न्यूज|नई दिल्ली राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में शनिवार से पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कड़ी नाराजगी जताई है। संघ के आनुषंगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्वनी महाजन कहा है कि पर्यावरण और लोगों का स्वास्थ्य सर्वोच्च है। लेकिन बिना किसी वैज्ञानिक आधार के प्रतिबंध अनुचित है। इससे धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंच रहीं है। साथ ही उन्होंने पटाखा उद्योग से जुड़े लोगों के रोजगार का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि हमें समझना होगा कि पटाखों के कारण अभी तक जो प्रदूषण होता था वह अधिकांश गैरकानूनी रूप से चीन से आयातित पटाखों के कारण होता था। चीनी पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर मिलाए जाने के कारण प्रदूषण होता रहा है। वहीं देश में बन रहे ग्रीन पटाखे प्रदूषण रहित है। देश में बन रहे पटाखों में पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर नहीं मिलाया जाता और अन्य प्रदूषक तत्वों जैसे एल्युमीनियम, लीथियम, आर्सेनिक व पारा आदि को भी न्यूनतम कर दिया गया है। ये पटाखे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध परिषद नीरी द्वारा प्रमाणित हैं और न्यूनतम 30 फीसद कम प्रदूषण करते हैं। जबकि सरकार ने चीनी पटाखों पर प्रभावी प्रतिबंध लगाया हुआ है। ऐसे में दीपावली पर सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाना सर्वथा अनुचित है।

दिल्ली सरकार पटाखा व्यापारियों के नुकसान की भरपाई नहीं करेगी तो धरने पर बैठूंगा: विजय गोयल

सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो रविवार को धरना देंगे

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के मुद्दे पर भाजपा ने राजनीति शुरु कर दी है। शनिवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने जामा मस्जिद और सदर बाजार क्षेत्र के पटाखा विक्रेताओं से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए पूरे साल कुछ नहीं किया और अब पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह दिल्ली के लिए बहुत कुछ कर रही है। इस अवसर पर गोयल प्रेस वार्ता को भी संबोधित करते हुए कहा कि पहले पटाखा व्यापारियों को लाइसेंस दिया गया। लाइसेंस मिलने पर उन्होंने माल खरीदा है। अब प्रतिबंध का फरमान जारी कर दिया गया जिससे व्यापारियों का लाखों का नुकसान होगा। कोरोना संक्रमण की वजह से परेशान व्यापारी पहले से ही परेशान थे अब यह उन पर यह दोहरी मार है। यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो रविवार को जामा मस्जिद क्षेत्र में व्यापारियों के साथ धरना देंगे। गोयल ने कहा कि पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखें चलाने की अनुमति दी थी। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने भी तीन नवंबर को कहा था कि प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे चलाने पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन पांच नवंबर को पूरी तरह से प्रतिबंध की घोषणा कर दी गई।

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