Success Story : दिन में माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी और रात में पढ़ाई, अब बनें IAS

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Success Story : उत्तराखंड के मसूरी के रहने वाले माधव भारद्वाज ने बचपन से ही लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) के बारे में सुना और देखा भी था. लेकिन उन्होंने आईएएस की बजाए एक इंजीनियर बनने का ख्वाब देखा और 12वीं के बाद एमएनएनआईटी, प्रयागराज में बीटेक कंप्यटर साइंस में दाखिला लिया. माधव बताते हैं कि लबासना में उनके पिता काम करते थे. इसलिए इस ऐतिहासिक परिसर से वह बचपन से ही वाकिफ थे.

माधव ने बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया. इसके बाद दिग्गज मल्टीनेशनल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर उनकी जॉब लग गई. सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था कि साल 2020 में कोरोना महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. जिसके चलते उन्हें काफी समय के लिए वर्क फ्रॉम होम मिल गया.

वर्क फ्रॉम होम के दौरान ही माधव के मन में आईएएस बनने के सपने ने जन्म लिया. इसके बाद उन्होंने अपने करियर की राह बदलने का निश्चय किया और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जी-जान से लग गए. उन्होंने इतनी मेहनत की कि पहले ही अटेम्प्ट में महज तीन अंक की कमी से फाइनल सेलेक्शन होते-होते रह गया.

यूपीएससी के पहले ही अटेम्प्ट में इतने कम मार्जिन से मिली असफलता ने हताश करने की बजाए संकल्प को और मजबूत कर दिया. हालांकि थोड़ा झटका लगा. उन्हें उम्मीद थी कि पहले ही अटेम्प्ट में क्रैक कर ले जाएंगे. लेकिन सप्ताह भर बाद ही दूसरे अटेम्प्ट का प्रीलिम्स था. इसलिए उन्होंने अपना पूरा फोकस ताजा-ताजा मिली असफलता से हटाकर आने वाले एग्जाम पर किया.

माधव ने अपने दूसरे अटेम्प्ट में प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू राउंड क्लीयर कर लिया. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 536 रैंक हासिल की. माधव बताते हैं कि वह दिन में ऑफिस का काम करते थे और फिर रात में चार से पांच घंटे की पढ़ाई किया करते थे. छुटि्टयों में वह 10-12 घंटे भी पढ़ लिया करते थे. परीक्षा के आखिरी दिनों में तो उन्होंने 15-16 घंटे तक पढ़ाई की. आखिरकार मेहनत रंग लाई और उन्होंने आईएएस बनने का अपना ख्वाब पूरा किया.

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