Strong Antibodies Are Made In The Body Of Patients Cured Of Kovid-19 Infection: Study | कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में बनती है मजबूत एंटीबॉडी, यह जल्द नहीं घटती

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नई दिल्ली: कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले ज्यादातर मरीजों के इस रोग से उबरने के साथ उनके शरीर में मजबूत एंटीबॉडी के रूप में एक रक्षा कवच बन जाता है, जो कम से कम पांच महीने तक कायम रहता है. एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है.

अध्ययन के मुताबिक शरीर की इस प्रतिरोधक प्रतिक्रिया से कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.

जर्नल ऑफ साइंस में प्रकाशित एक अनुसंधान पत्र के मुताबिक एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया का सबंध शरीर द्वारा सार्स-सीओवी-2 वायरस को निष्प्रभावी करने से है, जिससे संक्रमण होता है.

अमेरिका स्थित माउंट सिनाई हॉस्पिटल में कार्यरत और अनुसंधान पत्र के वरिष्ठ लेखक फ्लोरियन क्रेम्मर ने कहा, ‘‘हालांकि, कुछ खबरें आई थी कि वायरस से संक्रमण की प्रतिक्रिया में विकसित एंटीबॉडी जल्द समाप्त हो जाती है, लेकिन हमने अपने अध्ययन में इसके ठीक उलट पाया. हमने पाया कि हल्के या मध्यम दर्जे के लक्षण वाले 90 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों में बनी एंटीबॉडी महीनों तक वायरस को निष्प्रभावी रखने में मजबूती से काम करती है.’’

इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने संक्रमण से ठीक हुए लोगों की इंजाइम लिंक्ड इम्युनोसोब्रेंट एस्से (एलिसा) नामक एंटीबॉडी जांच की, ताकि पता लगाया जा सके कि कोशिका पर वायरस का आक्रमण होने पर बनने वाले इस प्रोटीन का स्तर क्या है.

अनुसंधानकर्ताओं ने 30,082 नमूनों की जांच करने के बाद पाया कि अधिकतर लोगों में एंटीबॉडी मध्यम से उच्च स्तर पर मौजूद है, जो वायरस को निष्प्रभावी कर सकते हैं.

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि पहली जांच के मुकाबले दूसरी जांच के दौरान एंटीबॉडी के स्तर में हल्की सी कमी आई और तीसरी तथा आखिरी जांच में इसमें और कमी आई. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह संकेत करता है कि एंटीबॉडी कम से कम पांच महीने तक बनी रहती है.



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