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गुड़गांव15 घंटे पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
श्री माता शीतला देवी मंदिर श्राइन बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं आचार्य पुरोहित संघ के अध्यक्ष पंडित अमर चंद भारद्वाज ने कहा कि इस बार दीपोत्सव पर आस्था और श्रद्धा के साथ महालक्ष्मी का पूजन करने पर विशेष फल की प्राप्ति होगी।
हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है। वैसे तो दिवाली पूजा अपने आप में खास होती है, लेकिन इस साल तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग इसे और ज्यादा खास बना रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली पर गुरु ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि अपनी स्वराशि मकर में रहेगा। जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। बताया जा रहा है कि दीपावली पर 3 ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 2020 से पहले 1521 में बना था।
ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु और शनि को आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाले कारक ग्रह माने गए हैं। ऐसे में दिवाली पर यह दो ग्रह अपनी स्वराशि में होने से धन संबंधी कार्यों में बड़ी सफलता का योग बनाएंगे।
पंडित अमर चंद ने बताया कि केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा गुरुग्राम के पंचांग मुताबिक 14 नवंबर दीपावली को गृहस्थीयों के लिए लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक सर्वश्रेष्ठ लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5:49 से लेकर शाम 6:02 तक है प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक वृषभ काल मुहूर्त 5:28 से रात्रि 7:34 तक एवं साधकों के लिए महानिशीथ काल का मुहूर्त रात्रि 11:39 से लेकर रात्रि 12:32 तक एवं सिंह कॉल मुहूर्त रात्रि 12:01 से लेकर रात्रि 2:19 तक है इस अवधि में सभी नागरिकों को आध्यात्मिक आस्था के साथ मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन और कीर्तन करना चाहिए।
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