Solar in India: मोदी सरकार की ओर से अब एक अहम फैसला लिया गया है. सरकार अगले तीन से चार साल में केवल घरेलू स्तर पर निर्मित सेल, वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन से बने सौर पैनल को मॉडल और निर्माताओं की अनुमोदित सूची (एएलएमएम) के तहत रजिस्टर करने की योजना बना रही है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने भी अपने मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में एक नीति तैयार करने को कहा है. सरकार ने सौर पैनल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एएलएमएम की शुरुआत की थी. आइए जानते हैं इसके बारे में…
कम दक्षता वाले मॉड्यूल
मंत्री ने कहा कि कम दक्षता वाले मॉड्यूल को एएलएमएम से हटा दिया जाता है. सिंह ने कहा, ‘‘ हम अपनी नीतियां विकसित करेंगे. हम केवल उन मॉड्यूल की सुरक्षा करेंगे, जो भारत में बने सेल हैं. एक या दो साल में हम ऐसी नीति लाएंगे. फिर, एक से दो साल के बाद हम एक नीति लाएंगे कि वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन भी भारत में बनने चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल उन्हीं कंपनियों को एएलएमएम के तहत रजिस्टर करते हैं जिनके सेल, वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन भारत निर्मित हैं.’’
‘मेक-इन-इंडिया’
मंत्री ने कहा कि इस कदम से ‘मेक-इन-इंडिया’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. सरकार अगले कुछ वर्षों में सौर पैनलों कलपुर्जों के आयात को बढ़ावा नहीं देगी. उन्होंने कहा, ‘‘ आप बाहर से सेल आयात करते हैं और यहां उसे ‘असेंबल’ करते हैं. फिर यह कहकर बेचते हैं कि यह भारत में बना है, जबकि यह 90 प्रतिशत चीन में बना है ऐसा अब नहीं चलेगा. मंत्रालय अगले वर्ष एएलएमएम की समीक्षा भी करेगा.’’
नहीं देगी इजाजत
आर. के. सिंह ने कहा कि सरकार भारत के लोगों के हितों की रक्षा के लिए निर्माताओं को किसी भी पुराने उपकरण या प्रौद्योगिकी का समर्थन करने की अनुमति नहीं देगी.