Smog-smoky city, air humidity reaches 23 percent, AQI reaches 374, only to get relief after November 15 | स्मॉग से धुआं-धुआं हुआ शहर, हवा में नमी 23 फीसदी, एक्यूअाई पहुंचा 374, 15 नवंबर के बाद ही राहत मिलने के हैं आसार

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पानीपत18 घंटे पहले

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  • हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 405 तक पहुंचा

शहर में बुधवार की सुबह धुआं-धुआं हो गया। सुबह स्मॉग की चादर ने शहर को ढंक लिया। हवा में नमी 23 प्रतिशत रही। इस कारण प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स 374 पहुंच गया। जो मानक से पौने 4 गुना अधिक है। जो खतरनाक श्रेणी में आता है। किसान खेतों में पराली जला रहे हैं। प्रदूषण बढ़ने का यह सबसे बड़ा कारण है। दिन में हवा की गति भी 4 किलोमीटर प्रति घंटा रही। हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण वातावरण में एक ही जगह पर ठहर गए हैं। माैसम विशेषज्ञ डॉ. डीपी दुबे ने बताया कि 15 नवंबर तक स्थिति में सुधार की संभावना नहीं बन रही है। 15 नवंबर के बाद ही तापमान में कमी आएगी। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने पर राहत मिल सकती है।

कार्रवाई : सैटेलाइट से मिली 56 लोकेशन, 31 ट्रेस

कृषि विभाग के एपीपीओ राजेश ने बताया कि पिछले 10 दिनों में खेतों में पराली जलाने की सैटेलाइट से 56 लोकेशन मिली हैं। इनमें से 15 लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी हैं। 31 लोकेशन को ट्रेस कर कार्रवाई की गई हैं। करीब 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही किसानों को हिदायत दी गई है कि अगली बार पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्माॅग के साथ मिला फाॅग, विजिबिलिटी हुई 200 मीटर

पिछले 10 दिनों से हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। स्माॅग के साथ फाॅग मिल जाने के कारण सुबह से रात तक धुआं छा रहा है। इस कारण लोगों को आंखाें में जलन हाेने लगी। सांस लेना मुश्किल हाे गया। बुधवार सुबह 11 बजे हालात यह रहे कि विजिबिलिटी करीब 200 मीटर की थी। बुधवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 345 तक पहुंच गया था। सुबह लाेग साेकर जागे ताे आसमान में धुंध छाई हुई थी। लाेग समझ ही नहीं पा रहे थे कि यह फाॅग है या स्माॅग। शाम तक यह प्रदूषण बढ़ता ही गया। शाम करीब 7 बजे हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 405 तक पहुंच गया।

अक्टूबर के अंतिम तीन दिन 400 के पार रहा एक्यूआई

हवा में प्रदूषण का स्तर 14 अक्टूबर के बाद से ही बढ़ना शुरू हो गया था लेकिन 17 अक्टूबर से हवाओं की गति बढ़ने से थोड़ी राहत मिल गई थी। 26 अक्टूबर से फिर से प्रदूषण बढ़ना शुरू हाे गया। रात के तापमान में गिरावट आ जाने के कारण फॉग और स्मॉग मिल गया। 26 अक्टूबर को एक्यूआई 316 तक पहुंच गया था। इसके बाद यह स्तर नीचे नहीं आया। 29 से 31 अक्टूबर तक एक्यूआई 400 के पार ही रहा।

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