Sir Understand our grief – if it doesn’t happen then take action | जनाब! हमारा दुख समझो- फिर ऐसा न हो इसलिए कार्रवाई करें

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बटाला3 घंटे पहले

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  • एक साल पहले बटाला में हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में जान गंवाने वालों के परिजनों का दर्द छलका, बोले-
  • पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में 24 लोगों की हुई थी मौत सरकार ने पीड़ितों को दिया 2-2 लाख रुपए मुआवजा
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बटाला शहर के अंदरूनी हिस्से में पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाने के लिए सीएम कैप्टन, डीसी गुरदासपुर व एसएसपी बटाला से करीब एक साल पहले बटाला में हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मारे गए मृतकों के परिजनों ने रोते हुए कहा कि अब तो कोई त्योहार भी हो तो उनके चेहरों पर मुस्कान तक नहीं आती है। मृतकों के परिजनों ने कहा कि जब उनके लोग मरे थे, तब कई पार्टियों के नेताओं की तरफ से उनकी मदद के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन सच्चाई यह है कि सभी लोग राजनीति करने के लिए आए थे। उन्होंने सरकार व प्रशासन से अपील की है कि पटाखों की सुरक्षित जगह पर बिक्री करवाएं, ताकि फिर कोई ऐसा हादसा न हो।

मृतक बलकार की पत्नी मंजीत कौर ने बताया कि ब्लास्ट में पति की मौत के बाद सरकार की तरफ से दिए 2 लाख रुपए भी खत्म हो गए। कमाई का साधन न होने से बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई। अब लोगों के घरों में काम कर परिवार पाल रही हैं।

मृतक मुख्खा के भाई सुखदेव ने बताया कि हादसे में उसके छोटे भाई की मौत हो गई थी। उसके भाई की दो शादियां हुई थीं। मौत के बाद मुआवजे पर भाई मुख्खा की पहली पत्नी ने भी अपना हक जताना शुरू कर दिया। इस वजह से मुआवजा नहीं मिला।

मेशी निवासी प्रेम नगर बोहड़ावाल ने बताया कि उसका भाई लाली फैक्ट्री में काम करता था। हादसे में उसकी मौत हो गई थी। मेशी ने आरोप लगाया कि सरकार व प्रशासन ने मुआवजे के रूप में दो लाख रुपए देने के हम लोगों की कोई सुध नहीं ली।

मृतक विनय के पिता राजपाल ने कहा कि वह व उनका बेटा दोनों पटाखा फैक्ट्री में काम करते थे। बेटे की हादसे में मौत हो गई और उसे गंभीर चोटें आई थीं। ब्लास्ट दौरान लगी चोटाें के कारण उसका एक हाथ काम न करने की हालात में पहुंच चुका है।

4 सितंबर को हादसा 4 सितंबर 2019 को दोपहर बाद बटाला के जालंधर रोड़ के नजदीकी हंसली पुल के किनारे पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया था। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्रीय स्तरीय नेताओं ने घटनास्थल पहुंचकर कैप्टन सरकार को जमकर कोसा और मृतकों और अस्पताल में उपचाराधीन लोगों को मुआवजे के रूप में 25 लाख और सरकारी नौकरी दिलवाने की मांग भी की गई थी।

कैप्टन सरकार ने मामले की जांच मजिस्ट्रेट से करवाने के आदेश दिए थे। मजिस्ट्रेट जांच एडीसी गुरदासपुर तेजिंदर पाल सिंह संधू ने की। जांच में करीब तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर जांच पूरी कर दी गई। वहीं मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को करीब 25 हजार रुपए दिए गए थे।

अनुमति वाले दुकानदार ही पटाखे बेचें : डीएसपी सिटी
एसपी सिटी परविंदर कौर ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जिन लोगों को डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक की तरफ से पटाखे बेचने की अनुमति मिली है। वहीं लोग ही पटाखे बेचें। डीएसपी ने कहा कि अगर किसी ने नियमों को तोड़ते हुए बिना अनुमति के पटाखे बेचे तो उक्त दुकानदार पर कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। डीएसपी ने कहा कि पुलिस की तरफ से लगातार दुकानों व गोदामों की चेकिंग की जा रही है, ताकि कोई बिना अनुमति के पटाखे न बेच सके।

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