Shaadi Vivah Shubh Muhurat: Auspicious Hindu Marriage Dates For Your Wedding In November December 2020 To April 2021 | नवंबर में 2 और दिसंबर में 7 दिन ही विवाह के मुहूर्त, इसके बाद अगले चार महीने तक नहीं है कोई मुहूर्त

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एक महीने पहले

  • गुरु और शुक्र तारा अस्त होने के कारण अगले साल 22 अप्रैल को रहेगा पहला विवाह मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर में शादी, सगाई और अन्य मांगलिक कामों के लिए शुभ महीना, तिथि, वार, नक्षत्र और शुभ दिन का विचार किया जाता है। इन सबको देखते हुए ही मुहूर्त निकाला जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक इस साल विवाह और मांगलिक कामों के लिए सिर्फ 9 दिन ही शुभ मुहूर्त रहेंगे। अगले महीने देव प्रबोधिनी एकादशी यानी 25 नवंबर से विवाह और मांगलिक कामों की शुरुआत हो जाएगी। लेकिन विवाह के लिए 11 दिसंबर को साल का आखिरी शुभ मुहूर्त रहेगा। क्योंकि 15 दिसंबर से खर मास शुरू हो जाएगा। खर मास में मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इसलिए अब अगले साल अप्रैल में ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

नवंबर में 2 और दिसंबर में 5 मुहूर्त
25 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन विवाह का मुहूर्त है। देश के कई हिस्सों में इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इसलिए इस दिन विवाह और हर तरह के मांगलिक काम इस दिन कर लिए जाते हैं। लेकिन ग्रंथों में इसे अबूझ मुहूर्त नहीं कहा गया है। इस बार नवंबर में 25 और 30 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद दिसंबर में 1, 7, 8, 9 और 11 तारीख को विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

अगले साल अप्रैल में रहेगा पहला मुहूर्त
इस साल 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में आ जाने से खर मास शुरू हो जाएगा। जो कि अगले साल 14 जनवरी तक रहेगा। खर मास में विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। इसके बाद 19 जनवरी को गुरु तारा अस्त हो जाएगा और 16 फरवरी तक अस्त ही रहेगा। इस दौरान भी विवाह के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे। फिर 16 फरवरी से 17 अप्रैल तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इस कारण 11 दिसंबर के बाद अगले 4 महीने तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे। इस तरह अगले साल 22 अप्रैल को पहला विवाह मुहूर्त रहेगा।

साल 2020 और विवाह मुहूर्त
इस साल जनवरी और फरवरी में ही ज्यादातर विवाह हुए हैं। मार्च में होलाष्टक के कारण मुहूर्त नहीं थे। इसके बाद कोरोना के चलते मई तक बहुत ही कम शादियां हुई। फिर अनलॉक शुरू होने के बाद 31 मई से 8 जून तक शुक्र तारा अस्त होने से मुहूर्त नहीं थे। जून में सिर्फ 7 दिन मुहूर्त थे। इसके बाद 1 जुलाई को एकादशी पर देवशयन हो गया और चातुर्मास लग गया। अधिक मास की वजह से इन 5 महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। अब सीधे 25 नवंबर से ही विवाह और अन्य मांगलिक काम शुरू होंगे।

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