[ad_1]
श्रीगंगानगरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक

- स्कूल कम खुलने का खमियाजा बच्चों को नहीं भुगतना पड़ेगा, शिक्षकों पर अब पाठ्यक्रम पूरा करवाने के साथ ही उसका रिवीजन करवाने का भी जिम्मा रहेगा
काेराेनाकाल के बीच 10वीं व 12वीं की कक्षाअाें के लिए 2 नंवबर से स्कूल खुलेंगे। विद्यार्थी पैन, नाेटबुक और किताब एक दूसरे काे नहीं दे सकेंगे। उन्हें कक्षा कक्ष में भाेजन करना हाेगा और पानी की बाेतल खुद काे लानी हाेगी। काेराेनाकाल में अब बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारियाें काे अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्राें के अनुसार सरकार ने स्कूलों को तीन चरणों में खोलने का निर्णय लिया है। इसमें 2 नवंबर से 10वीं व
12वीं, इसके बाद 1 दिसंबर से कक्षा 6 से 9 व 11 तथा 1 जनवरी से पहली से पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को बुलवाया जाएगा। फिलहाल शिक्षकों को तो स्कूल बुलाया जा रहा है लेकिन उनसे कोई काम नहीं करवाया जा रहा है। अब चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे। इससे शिक्षकों का काम बढ़ जाएगा। हालांकि सरकार की अाेर से बोर्ड परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। आगामी समय में स्कूल
खोलने के बाद छोटी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी कटौती की जानी चाहिए, जिससे इस बार स्कूल कम खुलने का खमियाजा बच्चों को नहीं भुगतना पड़े। वहीं, शिक्षकों पर अब कम समय में पाठ्यक्रम पूरा करवाने के साथ ही उसका रिवीजन करवाने का भी दारोमदार रहेगा।
स्कूलों में कक्षा कक्षों के साथ बाल वाहिनियों को भी करना होगा सेनेटाइज
स्कूल खोलने से पहले स्कूल के हर कोने को सेनेटाइज किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल तक छोड़ने वाली बाल वाहिनियों को भी रोजाना सेनेटाइज करना होगा ताकि काेई भी बच्चा पॉजिटिव नहीं आए। इसके साथ ही स्कूल को कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए भी विभिन्न प्रबंध करने होंगे। वहीं, शिक्षकों को भी स्कूल खुलने के बाद विशेष ध्यान रखना होगा।
यह बनाएं प्रस्ताव : शिक्षकों व बच्चों को भी रखना होगा ध्यान
स्कूल के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, शौचालय पानी की टंकियों को अच्छी तरह से सेनेटाइज किया जाए। स्कूलों में हाथ धोने के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। यथासंभव हर क्लास के बाहर फुट ऑपरेटेड सेनेटाइज स्टैंड की व्यवस्था की जाए। इसके लिए भामाशाह, विद्यार्थी कोष या विकास कोष की राशि का उपयोग किया जाए। अलग-अलग कक्षाओं के आगमन और प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखने का प्रस्ताव दिया गया है। स्कूलों में पर्याप्त मास्क की व्यवस्था की जाए। कॉपी व किताब एक दूसरे को नहीं देंगे विद्यार्थी पैन, नोटबुक और किताब एक दूसरे को नहीं दे सकेंगे। विद्यार्थी अपने कक्षा कक्ष में ही भोजन करेंगे और अपनी पानी की बोतल खुद ही लाएंगे। शिक्षक स्टाफ कक्ष में भी फिजिकल डिस्टेंस की पालना करेंगे। शिक्षकों व विद्यार्थियों को मास्क लगाकर आने के लिए सख्ती से पाबंद किया जाए और मास्क के बिना किसी को भी स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाए। मिडे-डे मील में सूखा राशन ही वितरित किया जाएगा। स्कूल वाहिनी के उपयोग से पहले उसे अच्छी तरह से सेनेटाइज किया जाए। बाल वाहिनी के ड्राइवर व कंडक्टर के लिए कोरोना
गाइडलाइन की सख्ती से पालना जरूरी। स्कूलों के बाहर ठेले वाले विक्रेताओं का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। बीमार बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएंगी। जिला व ब्लॉक स्तरीय मेडिकल अधिकारी से संपर्क कर स्कूल वाइज टीम गठित की जाएगी। स्टाफ व बच्चों की नियमित मेडिकल जांच कराई जाएगी। बीमारी के कारण स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। कक्षा 1 से 8 तक पहले की तरह स्माइल प्रोजेक्ट, शिक्षा वाणी से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाएगी।
[ad_2]
Source link