Representation Reject of Crackers Vendors, Crackers to be banned in Chandigarh on Diwali | पटाखा विक्रेताओं की रिप्रेजेंटेशन रिजेक्ट, चंडीगढ़ में दिवाली पर पटाखों पर बैन रहेगा

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चंडीगढ़3 घंटे पहले

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  • एडवाइजर ने कहा-पटाखे बेचने और फाेड़ने की मंजूरी नहीं दे सकते

दिवाली पर चंडीगढ़ में पटाखे बेचने और फोड़ने के आदेश लागू ही रहेंगे। चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन की तरफ से प्रशासन को दी गई प्रेजेटेंशन को एडवाइजर मनोज परिदा ने मीटिंग में रिजेक्ट कर दिया। उन्होने कहा कि दिवाली पर चंडीगढ़ में न तो पटाखे जलाए जा सकते हैं और न ही इनकी बिक्री की जा सकती है।

चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिए थे कि वे एसोसिएशन की बात सुनकर फैसला लें। इसके बाद वीरवार को एडवाइजर ने एसोसिएशन के सदस्यों से मीटिंग की।

एडवाइजर ने निर्देशों में लिखा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए पटाखों के इस्तेमाल करने और बिक्री पर चंडीगढ़ में लगाई गई पाबंदी में किसी तरह का बदलाव करने या कोई छूट दिए की जरूरत नहीं है। इसलिए चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन की तरफ से 11 नवंबर को दी गई रिप्रेजेंटेशन को रिजेक्ट कर दिया गया है।

ये 6 कारण बता नहीं मानी एसोसिएशन की बात

1. जिस दिन पटाखों की बिक्री के लिए टेम्प्रेररी लाइसेंस दिए जाने के लिए ड्राॅ करवाया गया, उसी दिन डीलर्स को बता दिया था कि प्रशासन की तरफ से आखिरी फैसला लिए जाने के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। पहले ही कह दिया था कि पटाखाें का स्टॉक न खरीदें और न ही एडवांस दें। साथ ही एसोसिएशन के प्रेसिडेंट को भी एक लेटर 5 नवंबर को लिखा गया कि व्यापारी पटाखों की खरीद फिलहाल न करें।

2. एडवाइजर ने 6 नवंबर को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत पटाखों के इस्तेमाल करने और बिक्री पर पूरी पाबंदी लगाने के लेकर निर्देश जारी कर दिए।

3. चंडीगढ़ में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं। पटाखे जलाए जाने से होने वाले एयर पॉल्यूशन की वजह से आगे स्थिति और खतरनाक होने की संभावना है। पिछले साल कुछ घंटे ही पटाखे जलाए जाने को लेकर दिए गए थे, लेकिन तब भी चंडीगढ़ की एयर क्वालिटी बहुत ज्यादा खराब हो गई थी।

4. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से तैयार किए गए 102 शहरों की सूची में चंडीगढ़ का भी नाम है, जहां पर पिछले पांच साल से लगातार एयर पाॅल्यूशन तय सीमा से ज्यादा रहा है।

5. मेडिकल एक्सपर्ट और डाॅक्टर्स का भी यही मानना है कि पटाखे जलाए जाने से कोरोना को लेकर स्थिति खतरनाक हो सकती है।

6. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 9 नवंबर को आए आदेश में पैरा नंबर 48 में ये लिखा गया है कि अथाॅरिटी पॉल्यूशन को रोकने के लिए ज्यादा सख्त फैसले कर सकती है।

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