राजेंद्र गुप्ता : भारत में ऐसे उद्योगपतियों की भरमार है जिन्होंने बहुत छोटे से स्तर से शुरुआत कर बुलंदियों को छुआ है. अपनी मेहनत और हौसले के दम पर हर कठिनाई को पार कर बुलंदियों पर पहुंचे धनकुबेरों की लिस्ट में पंजाब के रहने वाले और ट्राइडेंट ग्रुप के फाउंडर राजेंद्र गुप्ता (Trident Group founder Rajinder Gupta) का नाम भी शामिल है. कभी 30 रुपये दिहाड़ी पर मोमबत्ती और सीमेंट की पाइप बनाने वाली फैक्टरी में काम करने वाले राजेंद्र गुप्ता आज 12000 करोड़ की संपत्ति (Rajinder Gupta Net Worth) के मालिक हैं. ट्राइडेंट ग्रुप का कारोबार आज 100 से भी ज्यादा देशों में फैला है.
राजेंद्र गुप्ता ने जिस ट्राइडेंट ग्रुप की नींव रखी उसका आज टेक्सटाइल एवं कागज उद्योग में दबदबा है. भारतीय कपड़ा उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में राजेंद्र गुप्ता का बहुत बड़ा हाथ. सेल्फ मेड बिजनेस टाइकून राजिंदर गुप्ता की सफलता लाखों युवा उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा है. पंजाब के बिजनेस स्कूलों में उनकी कामयाबी को केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाता है.
परिवार का बिजनेस से नहीं था नाता
राजिंद्र गुप्ता के परिवार का बिजनेस से कोई नाता नहीं था. राजेंद्र गुप्ता को पारिवारिक कारणों से 9वीं कक्षा में ही पढाई छोड़नी पड़ी. उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. केवल 15 साल की उम्र में उन्हें एक मोमबत्ती बनाने वाली फैक्टरी में काम करना पड़ा. उस समय उन्हें 30 रुपये रोज की दिहाड़ी मिलती थी. इसके बाद वो सीमेंट पाइप बनाने वाली फैक्टरी में काम करने लगे.
व्यापार में शुरू से ही था रुझान
राजेंद्र गुप्ता शुरू से ही अपना काम करना चाहते थे. कई वर्षों तक छोटे-मोटे काम करने के बाद 1985 में उन्होंने अभिषेक इंडस्ट्रीज नाम से एक फर्टिलाइजर फैक्ट्री लगाई. उनका काम अच्छा चला. इसके बाद 1991 में उन्होंने पार्टनशिप में कताई मिल शुरू की. इस मिल से उन्हें जबरदस्त फायदा हुआ. इसके बाद तो राजिंद्र गुप्ता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. समय के साथ वे टेक्सटाइल्स, पेपर और केमिकल इंडस्ट्री में उतरे. उन्होंने अपनी कंपनी की पंजाब और मध्य प्रदेश में यूनिट खोलीं.
5 टॉप टेरी टॉवेल निर्माताओं में से एक
आज राजिंदर गुप्ता के ट्राइडेंट ग्रुप के ग्राहकों में जेसीपीनी, वॉलमार्ट और लक्ज़री एंड लिनन जैसे बड़े नाम शामिल हैं. वे वैश्विक स्तर पर 5 टॉप टेरी टॉवेल निर्माताओं में से हैं. 65 वर्षीय गुप्ता ने 2022 में निजी कारणों का हवाला देते हुए ट्राइडेंट में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया. वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 12,368 करोड़ रुपये (1.5 बिलियन डॉलर) से अधिक है.