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जयपुर20 मिनट पहले
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![Private school teachers closed the online classes of children and took to the streets | बच्चों की ऑनलाइन क्लासें बंद कर सड़कों पर उतरे निजी स्कूल के टीचर्स 1 school 1604583259](https://images.bhaskarassets.com/thumb/720x540/web2images/521/2020/11/05/school_1604583259.jpg)
जयपुर में एक निजी स्कूल के बाहर बैनर हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन करते स्कूल के टीचर्स और अन्य स्टाफ।
राज्य सरकार के फीस कटौती के आदेशों के खिलाफ गुरुवार को निजी स्कूल संचालक और स्कूल टीचर्स सड़कों पर उतर गए। इस कारण इन स्कूल संचालकों ने गुरुवार से ऑनलाइन क्लासें भी बंद कर दी। जयपुर शहर में अलग-अलग स्थानों पर इन्होने विरोध प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि सरकार ने 28 अक्टूबर को फीस कटौती के जो आदेशों जारी किए है उनमें संशोधन करें और हाईकोर्ट के 7 सितंबर के आदेश की पालना करें। फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ राजस्थान के सदस्य एवं स्कूल शिक्षा परिवार राजस्थान के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि दीपावली का समय आ गया है और हमें अब स्कूल टीचर्स व अन्य स्टाफ को वेतन देने में समस्या आ रही है। जबकि सरकार ने आदेश जारी कर रखे है, कि जब तक स्कूल नहीं खुले तब तक स्कूल संचालक अभिभावकों से फीस नहीं वसूलें ।
सरकार ने कम की फीस
शर्मा ने बताया कि 7 सितंबर को हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने हमारी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 70 फीसदी तक स्कूल फीस लेने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ पेरेंट्स की फोरम और सरकार डबलबैंच में चली गई और उने आदेशों पर स्टे ले आए। इतना ही नहीं सरकार ने 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर निर्धारित कोर्स के अनुपात में ही फीस वसूलने के लिए का। उसके तहत सरकार ने राजस्थान बोर्ड का 60 फीसदी कोर्स निर्धारित किया और स्कूल फीस भी इसी अनुपात में वसूलने के लिए कहा है। ये फीस भी तभी वसूल करने के लिए कहा, जब स्कूल खुलें।
ये की सरकार से मांगे
- प्रदेश में 6 से 12 तक की कक्षा के संचालन के लिए 17 नवंबर से स्कूल खोले जाएं।
- हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जो 7 सितम्बर को आदेश दिए थे उसे लागू करें और सरकार अपने 28 अक्टूबर के आदेशों में संशोधन करें।
- आरटीई के तहत लम्बित पड़े भुगतान को दीपावली से पहले करें।
- स्कूल खुलने पर आरटीई के तहत नये एडमिशन की प्रक्रिया फिर से शुरू करवाएं।
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