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शिमला2 घंटे पहले
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फाइल फोटो
शहर में निजी और सरकारी बसों के लिए अब जॉइंट टाइम टेबल बनेगा। शनिवार काे आरटीओ शिमला दिलेराम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि निजी बस को दिए गए टाइम टेबल और एचआरटीसी काे दिए गए टाइम टेबल की समीक्षा की जानी जरूरी है। ज्वाइंट टाइम टेबल बनने से न ताे एचआरटीसी काे दिक्कत हाेगी और न ही प्राइवेट बस ऑपरेटराें काे हाेगी।
जाम की समस्या भी नहीं हाेगी, क्याेंकि अपने रूटाें पर अगर समय पर बसें चलेगी ताे वह बेतरतीब ढ़ंग से सड़काें पर खड़ी नहीं हाेगी। पुलिस के अधिकारी, बस ऑपरेटर्स और एचआरटीसी के अधिकारी भी इस बैठक में माैजूद रहे।
इसलिए जरूरत पड़ी जॉइंट टाइम टेबल की
शिमला शहर के लोकल रूटों में लगभग 106 निजी 80 के करीब सरकारी बसें चल रही हंै। निगम की कई बसें दूर के उपनगर रूटों पर भी जाती हैं। ऐसे में इस रूट पर एकतरफा ही कमाई निगम की होती है। शहर में समरहिल, संजौली, लक्कड़ बाजार, पंथाघाटी, मैहली और बीसीएस के लिए निजी सरकारी दोनों बसें जाती हैं।
इन बसों की टाइमिंग में सिर्फ एक या दो मिनट का अंतर होता है। आए दिन सरकारी बस के चालक परिचालक शिकायत करते हैं कि उनकी टाइमिंग के दौरान निजी बस चालक सवारियों को भर लेते हैं। बैठक में चर्चा की गई कि कौन से रूट के लिए सरकारी निजी बस को कौन सी टाइमिंग दी जाए।
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