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- पुलिस कार्मिक एफआईआर से नाम हटाने के लिए पैसे लेते हैं, मामले को खत्म करने के लिए, रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वत खो दी जाती है।
जालंधर42 मिनट पहले
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- 3 वर्षों में 86 मामलों में पकड़े 108 सरकारी कर्मचारी, सबसे भ्रष्ट पुलिस और रेवेन्यू विभाग
- 1.85 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी डिटेक्ट की, ट्रैप लगाकर 84 सरकारी, 10 प्राइवेट एजेंट और 12 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया
- जेल जाने के बाद भी कई कर्मचारी दोबारा जॉइन कर चुके हैं ड्यूटी
- हैरानी वाली बात जेल जाने के बाद भी कई कर्मचारी दोबारा जॉइन कर चुके हैं ड्यूटी
सरकारी विभागों में करप्शन को खत्म करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो बड़े स्तर पर कार्रवाई करता है लेकिन हैरानी वाली बात है कि पिछले तीन वर्षों में विजिलेंस के जाल में उसी के डिपार्टमेंट के पेरेंट अधिकारी और कर्मचारी ही फंसे है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले तीन वर्षों में 86 मामले रजिस्टर किए गए हैं, जिसमें 108 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ही निकले हैं। इनमें सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पुलिस डिपार्टमेंट में निकला जहां 31 अधिकारी-मुलाजिम पकड़े गए। दूसरे नंबर पर माल विभाग है, जहां 24 भ्रष्ट पकड़े गए।
इनमें ज्यादातर में एफआईआर से नाम हटाने, मामला रफा-दफा करने के हैं जबकि रजिस्ट्री के नाम पर भी सबसे ज्यादा रिश्वत ली गई। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में कई सरकारी कर्मचारी लोगों का काम करवाने के लिए रिश्वत की मांग करते हैं। विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से इन 3 वर्षों में जालंधर, कपूरथला और होशियारपुर में जिन सरकारी मुलाजिमों को भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा है, उन सभी के मामले ज्यूडिशियल कोर्ट में पेंडिंग हैं। जब तक इन फैसलों पर कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया जा सकता। विजिलेंस क्रिमिनल केसों और फ्राड के स्कैम में 12 मामले दर्ज करके 22 सरकारी अधिकारी और 3 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुका है।
माननीय कोर्ट की तरफ से जब आरोप साबित हो जाते हैं, तब उन्हें जेल जाने के साथ जुर्माना और नौकरी से डिसमिस होना पड़ता है। हैरानीजनक है कि जेल जाने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत कई मुलाजिम दोबारा नौकरी जाॅइन कर लेते हैं। ऐसे ही कई केसों के उदाहरण है, जिनमें जालंधर विजिलेंस रेंज की तरफ से जिन लोगों को पकड़ा गया, उन्हें जेल जाने के साथ हजारों रुपए जुर्माना भी लगा था। विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से जिस केस में भी सरकारी मुलाजिमों या अधिकारियों को रिश्वत के मामले में पकड़ा जाता है, उन्हें विभाग की तरफ से मुअत्तल कर दिया जाता है। इसके बाद उन्हें भी कोर्ट में जाने का अधिकार है और वह जमानत के बाद एक न्याय प्रक्रिया से गुजर कर बहाल हो जाते हैं।
कपूरथला और होशियारपुर तक ब्यूरो की रेंज... जालंधर रेंज विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से जालंधर सहित कपूरथला और होशियारपुर को भी भी दबिश दी जाती रही है। हैरानी की बात है कि आज भी बड़े स्तर पर करप्शन की जा रही है लेकिन लोग विजिलेंस को शिकायत करने की बजाय पैसे देकर काम करवा रहे हैं। पंजाब में 7 विजिलेंस ब्यूरो रेंज हैं, जिनमें जालंधर रेंज, बार्डर रेंज, बटाला रेंज, फरीदकोट रेंज, फिरोजपुर रेंज, रोपड़ रेंज और पटियाला रेंज के विजिलेंस ब्यूरो हैं, जो पंजाब के सभी जिलों को कवर करते हैं।
आज के दौर में ज्यादातर लोग काम करवाने के लिए हजारों रुपए रिश्वत देते है। जिसमें पुलिस विभाग से लेकर डीसी आफिस, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, सहित कई ऐसे सरकारी विभाग है यहां पर हजारों/लाखों रुपए रिश्वत लेकर काम करने का दबाव बनाया जाता है। विजिलेंस विभाग ऐसे केसों में ट्रैप लगाकर रिश्वत खोर मुलाजिमों को पकड़ती है जिसमें मौके पर ही रिश्वत लेने वाले मुलाजिमों को ट्रैप लगाकर पैसों के साथ पकड़ा जाता है।
– इन केसों में आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471 के तहत मामले दर्ज होते हैं। केस रजिस्टर्ड 12 सरकारी अधिकारी अरेस्ट 22 अन्य व्यक्ति 3
केस रजिस्टर्ड2
सरकारी अधिकारी अरेस्ट 2
प्राॅपर्टी डिटेक्ट 1,85,48,218
- साल 2017 : आरटीए होशियारपुर के ड्राइवर एएसआई रमेश चंदर को 1.50 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा।
- साल 2017 : एडिश्नल सब डिविजन आॅफिस ऑफ एसडीएम में कार्यरत सुखविंदर सिंह को 1 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा।
- साल 2018 : कपूरथला में तैनात पनग्रेन इंस्पेक्टर सुरिंदर कुमार शर्मा 80 हजार रिश्वते लेते गिरफ्तार किया।
- साल 2019 : असिस्टेंट कमिश्नर सेल टैक्स मोबाइल विंग होशियारपुर को 2 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
मिडिल क्लास के लोग ही करते हैं शिकायत, अपर क्लास वाले आते ही नहीं... जब तक लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, जागरूकता नहीं बढ़ेगी। भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर मिडिल क्लास के लोग ही आते हैं। अपर क्लास के लोग कभी शिकायत नहीं करते। हम तो चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा शिकायतें आएं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पुलिस और रेवेन्यू विभाग के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। पुलिस में जब लोगों की सुनवाई नहीं होती या फिर इंसाफ नहीं मिलता और ऊपर से रिश्वत की मांग होती है तो लोग दुखी होकर उनके पास आते हैं। इंडस्ट्रियलिस्ट तो कभी उनके पास शिकायत लेकर आए ही नहीं। लोग पैसे देकर काम करवा रहे हैं, जिससे नुकसान तो रिसोर्स का हो रहा है। शहीद भगत सिंह के नाम पर चर्चा सब करते है लेकिन जब उनके जैसा बनने का मौका मिले तो सब पीछे हटते हैं। हमें पैसे देकर काम नहीं निपटाना चाहिए। लोग 180018001000 पर शिकायत कर सकते हैं।-दलजिंदर सिंह ढिल्लों एसएसपी विजिलेंस ब्यूरो, जालंधर रेंज
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