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राेहतक6 घंटे पहले
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आईएमटी एरिया में एक फैक्ट्री की चिमनी से निकलता धुआं।
- हवा खराब होने से लोगों को आंख और नाक में एलर्जी की आ रही समस्या
इस सीजन की सबसे प्रदूषित हवा गुरुवार को दर्ज की गई। पहली बार सिटी का एक्यूआई पीएम 2.5 का स्तर 410 क्यूबिक प्रति मीटर पर पहुंच गया है। इसी के साथ हवा बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई है। अब हवा में धुएं के साथ धूल के कण भी समाहित हो गए हैं। एक तरफ तो पड़ोसी जिलों के खेतों से पराली जलाने के मामले अभी थमे नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ खेतों में जुताई और सड़कों का निर्माण कार्य वायुमंडल में धूल के कणों को भर रहा है।
पराली जलाने के साथ-साथ धूल उड़ने से हवा अधिक प्रदूषित होकर जहरीली हो गई है। प्रदूषण बढ़ने का सीधा असर लोगाें के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण लोगों को आंख और नाक में एलर्जी की समस्या आ रही है। पिछले एक माह में प्रदूषण का स्तर पर दो गुना बढ़ गया है। अगले एक सप्ताह बाद ही प्रदूषण में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि आने वाले एक सप्ताह बाद धान का सीजन समाप्ति की ओर है, जिससे पराली जलाने के मामले कम होंगे तो प्रदूषण भी कम होगा। इसके बाद पटाखों व आतिशबाजी के कारण भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
बचाव के लिए करें ये उपाय
- अगर किसी व्यक्ति को सांस की दिक्कत है तो दवा समय पर लें।
- सांस के रोगियों को कम से कम बाहर घूमना चाहिए।
- प्रत्येक दिन प्राेटीन युक्त भोजना लेना चाहिए।
- हर रोज सुबह योग और व्यायाम करना चाहिए।
- घर से बाहर जाना पड़े तो आवश्यक रूप से मास्क लगाएं।
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