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- दिल्ली में स्मॉग से परेशान लोग, वायु गुणवत्ता सूचकांक 427, द्वारका में 403, नरेला में 402 और पूसा में 366
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नई दिल्ली14 दिन पहले
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- जहांगीरपुरी की हवा सबसे ज्यादा खराब
राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में जा रहा है। दिल्ली में सुबह-सुबह प्रदूषण अधिक होने से हर ओर धुंध की चादर बिछी नजर आती है। सुबह सैर पर जाने वाले लोगों को प्रदूषण के कारण दिखना बंद हो गया है। जैसे-जैसे प्रदूषण का लेवल बढ़ रहा है वैसे ही दिल्ली में विजिबिलिटी और भी कम होती जा रही है। कुछ ऐसी ही तस्वीरें शुक्रवार को इंडिया गेट से लेकर अक्षरधाम तक देखने को मिली।
जहां लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में परेशानी का सामना कर रहा है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 380 (‘बहुत खराब’ श्रेणी ) पर था । मौसम विभाग के पूर्वानुमानों की मानें तो 30 अक्टूबर के बाद से हवाओं की गति में सुधार की उम्मीद है।
बीते दिन केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर ने जानकारी देते हुये कहा था कि दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी बढ़ कर 36 प्रतिशत हो गई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाये जाने की 2,912 घटनाएं बुधवार को दर्ज की गईं, जो इस मौसम में सर्वाधिक हैं।
तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली की हवा लगातार खराब हो रही है। वैसे सरकार के स्तर पर कोशिश जारी है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की ओर जारी होने वाले अध्यादेश के जरिए कानून बना रही हैं जिसमें कानून का उल्लंघन करने वालों को पांच साल की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
लोग नहीं आ रहे हैं बाज, नार्थ एमसीडी ने किए 249 चालान
दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है, सरकार व प्रशासन प्रदूषण नहीं फैलाने की बार-बार चेतावनी दे रही है। इसके बावजूद लोग प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आ रहे है। ईस्ट एमसीडी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को 249 चालन कर 46 हजार रुपए जुर्माना वसूल किए है।
30 अक्तूबर के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ईस्ट एमसीडी ने खुले में अवैध रूप से कूड़ा डालने पर 128, खुले में कूड़ा जलाने पर 9 चालान किए। खुले में अवैध रूप से मलबा डालने के लिए 35 चालान किए, निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण के लिए 52, निर्माण एवं स्वास्थ्य गतिविधियों के लिए 25 चालान किए हैं।
ईस्ट एमसीडी द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतू की गई सकारात्मक कार्रवाई के अन्तर्गत निगम क्षेत्र से शुक्रवार को 735 मीट्रिक टन मलबा हटाया गया है तथा 476 किलोमीटर मैकेनिकल रोड़ स्वीपिंग का कार्य किया गया है। इसके अलावा अत्याधुनिक वाटर स्प्रिंकलर के द्वारा लगभग 650 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव भी किया गया है। इसके अलावा प्रतिदिन लगभग 2800 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन उठाया जा रहा है
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