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चंडीगढ़25 मिनट पहले
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फाइल फोटो
- पांच महीनों में अभी तक 5680 पुराने मीटर ही बदले जा सके
- सिंगल फेज के 25 हजार 890 मीटर चेंज किए जाने हैं शहर में
- थ्री फेज के 6 हजार मीटर बदले जाने हैं, इनका अभी टेंडर नहीं लगाया जा सका
(राजबीर सिंह राणा) फर्स्ट फेज में शहर में पांच महीने में 5680 मीटर ही बदले जा सके हैं। सिंगल फेज के 25 हजार 890 मीटर चेंज किए जाने हैं। अब कंपनी को स्मार्ट मीटर नहीं मिल रहे इसलिए काम बंद पड़ा है। स्मार्ट मीटर बनाने वाली कंपनियों के यहां कुछ पार्ट्स चाइना से आते थे। बताया जा रहा है कि कोविड के कारण चाइना से पार्ट्स की सप्लाई बंद है।
फर्स्ट फेज में सब डिविजन नंबर पांच के एरिया (सेक्टर-29, 30, 31, 47, इंडस्ट्रियल एरिया फेज- 1, 2, रामदरबार काॅलोनी, हल्लोमाजरा, रायपुरखुर्द, मक्खन माजरा और बहलाना) में 31 हजार 890 उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर चेंज करवाने हैं। इनमें 25 हजार 890 सिंगल फेज मीटर और 6 हजार थ्री फेज हैं। स्मार्ट मीटर बिजली विभाग लगवा रहा है।
नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के तहत बिजली विभाग को 268 करोड़ 49 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसी में फर्स्ट फेज के 31 हजार 890 मीटर और स्काडा बनाने के 27 करोड़ रुपए का आरईसी को टेंडर अलॉट है। जबकि 6 हजार थ्री फेज स्मार्ट मीटर का टेंडर अभी काॅल ही नहीं किया गया है। यह टेंडर भी जल्द लगाने की तैयारी है।
स्मार्ट मीटर से बिजली की चोरी पर लगेगी रोक…
स्मार्ट मीटर लगने से बिजली की चोरी पर रोक लगेगी, प्री पेड भी बिलिंग हो सकेगी, ओवर लोड होने से भी स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन) से डिस्कनेक्ट किया जा सकेगा। वहीं कस्टमर्स एडवांस में पैसे जमा करवाकर प्री पेड करवा सकेगा, जितनी बिजली कंज्यूमर करेगा उसका पता चलता रहेगा कि खाते में कितने पैसे बैलेंस हैं।
सोलर के लिए अलग से मीटर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं बिजली विंग को भी मीटर रीडर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खुद ही स्काडा पर रीडिंग कंट्रोल रूम में हर कंज्यूमर की रीडिंग पहुंचेगी। वहां से कंज्यूमर के मोबाइल पर बिल पहुंचने लगेगा।
31 हजार उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे
चीफ इंजीनियर कम स्पेशल सेक्रेटरी मुकेश आंनद का कहना है कि शहर के फर्स्ट फेज में 31 हजार उपभोक्ता के बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अभी करीब 6 हजार ही मीटर चेंज किए जा सके हैं। कंपनी के पास स्मार्ट मीटर ही व्यवस्था नहीं हो रही है। इसके कारण मीटर चेंज नहीं हो रहे हैं। जैसे ही स्मार्ट मीटर उपलब्ध होंगे तो पुराने मीटरों को बदलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
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