Paris Olympics 2024: भारतीय एथलीटों के लिए जेब खर्च पर चर्चा

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IOA की बैठक में उठे सवाल और निर्णय

Paris Olympics 2024 की तैयारियों के बीच, भारतीय एथलीटों को जेब खर्च देने के मुद्दे पर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में गरमागरम चर्चा हुई। 30 जून को बुलाई गई इस बैठक में ईसी के सदस्यों ने अपना दैनिक भत्ता लेने से इन्कार कर दिया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि दोहरा जेब खर्च देना उचित नहीं होगा।

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एथलीटों के लिए जेब खर्च का मुद्दा

ओलंपिक के दौरान भारतीय एथलीटों को प्रति दिन 50 अमेरिकी डॉलर (लगभग चार हजार रुपये) का जेब खर्च देने का प्रस्ताव था, जो कि खेल मंत्रालय की ओर से पहले ही दिया जा रहा है। ईसी का मानना है कि जब खेल मंत्रालय यह भत्ता दे रहा है तो आईओए को इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं है। टोक्यो ओलंपिक के दौरान भी यही जेब खर्च खिलाड़ियों और ईसी सदस्यों को दिया गया था, लेकिन इस बार सदस्यों ने इसे लेने से इन्कार कर दिया।

दोहरा जेब खर्च का तर्क

आईओए की ओर से प्रस्तावित बजट में खिलाड़ियों को 50 डॉलर और ईसी सदस्यों को 300 डॉलर प्रति दिन का जेब खर्च देने की बात कही गई थी। हालांकि, बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि किसी को भी दोहरा जेब खर्च देना सही नहीं है। खेल मंत्रालय पहले से ही खिलाड़ियों को एशियाई, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक में 50 डॉलर का दैनिक जेब खर्च देता आ रहा है। ऐसे में आईओए की ओर से भी अलग से जेब खर्च दिए जाने का प्रावधान नहीं होना चाहिए।

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प्रशिक्षकों के लिए इनामी राशि का निर्णय

बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि पदक विजेताओं के प्रशिक्षकों को भी इनामी राशि दी जाएगी। आईओए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट को एक करोड़, रजत पदक विजेता को 75 लाख और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देगा। साथ ही, उनके प्रशिक्षकों को भी इनामी राशि देने का फैसला किया गया है। स्वर्ण पदक पर प्रशिक्षक को 25 लाख, रजत पर 20 लाख और कांस्य पर 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। टीम इवेंट्स के लिए आईओए ने क्रमशः दो करोड़, एक करोड़ और 75 लाख रुपये निर्धारित किए थे।

खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों का सम्मान

यह निर्णय भारतीय खेलों में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा सकता है। प्रशिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण होता है और उन्हें सम्मानित करना जरूरी है। ओलंपिक में जो प्रशिक्षक पदक विजेता के साथ होगा, उसी को कोच माना जाएगा और उसे इनामी राशि दी जाएगी।

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खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के योगदान की पहचान

भारतीय एथलीटों और उनके प्रशिक्षकों ने देश को गर्वित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर उनका प्रदर्शन देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। ऐसे में उन्हें आर्थिक रूप से सम्मानित करना एक सही कदम है। आईओए के इस निर्णय से खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें अपनी मेहनत का उचित फल मिलेगा।

IOA का समर्थन और भविष्य की दिशा

IOA का यह निर्णय भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे यह स्पष्ट होता है कि संघ अपने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के योगदान को पहचानता है और उन्हें समर्थन देने के लिए तत्पर है।

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ओलंपिक की तैयारियों में जुटे भारतीय एथलीट

Paris Olympics की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं और भारतीय एथलीट अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इस बार भारत से 100 से अधिक सदस्यों का दल पेरिस जाएगा और उम्मीद है कि यह दल पिछली बार की तुलना में और बेहतर प्रदर्शन करेगा।

भारतीय खेलों का उज्ज्वल भविष्य

ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताएं भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होती हैं। भारतीय एथलीटों की मेहनत और प्रतिबद्धता ने देश को कई गर्व के पल दिए हैं। आईओए के इस निर्णय से खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा और भारतीय खेलों का भविष्य और उज्ज्वल होगा।

भारतीय ओलंपिक संघ का यह निर्णय भारतीय खेलों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित करना और उन्हें आर्थिक सहायता देना उनके प्रदर्शन को और भी उत्कृष्ट बनाने में मदद करेगा। Paris Olympics 2024 में भारतीय दल से काफी उम्मीदें हैं और यह निर्णय उनकी तैयारियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय खेलों का भविष्य उज्ज्वल है और इस दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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