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दरभंगा23 मिनट पहले
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- दरभंगा एयरपोर्ट पर 11:20 बजे स्पाइसजेट का वाटर फॉगिंग से किया गया स्वागत।
- एयरपोर्ट पर विमान के लैंड करते ही फोटो लेने की मची होड़, 9000 फीट एयरपोर्ट की लंबाई
- एयरपोर्ट दरभंगा से जुड़ी हुई है राजेंद्र प्रसाद व नेहरू की यादें, 145 फीट चौड़ाई
(रमा रमण आचार्य) स्थान : विद्यापति एयरपाेर्ट। दिन : रविवार। समय : दिन के 11:20 बजे। आसमान में स्पाइस जेट का एसजी 493 विमान उड़ता दिखा और बजने लगी तालियां। लोगों के चेहरे में गजब की खुशी। विमान लैंडिंग करता है। इससे उतरने वाले यात्री हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करते हैं। इस विमान से बेंगलुरु से आए हिमानी झा ने बताया कि विमान में करीब 175 से 180 यात्री थे।
उन्होंने बताया कि इस विमान ने बंगलुरू से सुबह 8:45 बजे उड़ान भरी। 11:15 बजे इसके लैंडिंग का समय था। लेकिन 5 मिनट विलंब से लैंड किया। वह पति व दो बच्चों के साथ आई थीं। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने दरभंगा से हवाई सेवा शुरू कर मिथिलावासियों के लिए बेहतर काम किया। इससे समय के साथ साथ पैसे की काफी बचत हुई।
कमतौल की रहने वाली मधु ने बताया कि बहुत खुशी हो रही है। पहले बेंगलुरु से आने के लिए प्रोग्राम बनाना पड़ता था। अब जब इच्छा होगी आ सकती हूं। बेंगलुरु से विमान के लैंडिंग के समय बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। सबमें फोटो लेने की होड़ मची थी। हवाई अड्डा के बाहर व अंदर का नजारा काफी खुशनुमा था। अपनी माटी से हवाई उड़ान का सपना साकार हुआ। दरभंगा से दिल्ली, बंगलुरू व मुंबई के लिए सीधी विमान सेवा शुरू हुई।
एयरपोर्ट पर प्लेन की लैंडिंग होने पर ख़ुशी जाहिर कर अपने अपने कैमरे में कैद करते लोग।
छठ पूजा तक का किराया
- दरभंगा से दिल्ली ₹4822
- दरभंगा से मुंबई ₹7972
- दरभंगा से बेंगलुरु ₹3720
जब कोई बड़ा सपना साकार होता है तब बड़ी खुशी होती है : संजय झा
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह मंत्री संजय झा ने कहा, जब आप कोई बड़ा सपना देखते हैं, और वह साकार होता है, तो बड़ी खुशी होती है। हवाई सेवा का शुरू हाेना कुछ ऐसा ही अहसास है।
अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के तौर पर हाेगा विकसित दरभंगा एयरपोर्ट : गोपालजी
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि मिथिलावासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई। इसके लिए उन्होंने पीएम व सीएम का आभार जताया। आने वाले समय में दरभंगा एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा।
केंद्र सरकार ने विकसित एयरपोर्ट का आधार जुटाने में कंजूसी की है : कीर्ति
पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि हवाई सेवा के लिए 8 जुलाई 2014 को एक मिशन शुरू किए थे। आज वह साकार हुई। लेकिन केंद्र सरकार ने विकसित एयरपोर्ट का आधार जुटाने में कंजूसी की है।
एयरपोर्ट दरभंगा से जुड़ी हुई है राजेंद्र प्रसाद व नेहरू की यादें
जवाहर लाल नेहरू और श्रीकृष्ण सिंह की फाइल तस्वीर।
दरभंगा एयरपोर्ट का इतिहास काफी पुराना है। यहां महाराजा कामेश्वर सिंह के विमान से देश व विदेश के कई नेता सफर किए हैं। दरभंगा एयरपोर्ट पहुंच कर नेपाल काठमांडूृ के लिए भी रवाना हुए थे। कुछ फाइल फोटो उनकी यादों को ताजा करता है। यहीं से राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद और कामेश्वर सिंह साथ सफर किए। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू एवं पूर्व सीएम श्रीकृष्ण सिंह, वहीं, कुछ अंग्रेज भी काठमांडू यात्रा के लिए दरभंगा से उड़ान भरी थी। एयरपोर्ट दरभंगा का इतिहास महाराजा कामेश्वर सिंह से जुड़ा है। यह बड़े जमींदार और महाराजा की घरती का एयरपोर्ट है।
इसके लिए महाराजा ने एक सौ बीघा जमीन तो दिया ही था। कामेश्वर सिंह का निजी विमान भी था। वीटी-सीएमई नंबर का यह विमान कामेश्वर सिंह के निधन तक उनके साथ रहा। इसी विमान ने तिरहुत को पहला पायलट दिया।
इस विमान के पायलट आइएन बुदरी थे, लेकिन 1960 में मधुबनी के लोहा गांव के सुरेंद्र चौधरी इस जहाज के सहायक पायलट के रूप में नियुक्त होनेवाले तिरहुत के पहले पायलट बने। चौधरी 1963 तक इस विमान के सहायक पायलट थे। पहली अक्टूबर 1962 को कामेश्वर सिंह की मौत के बाद भारत सरकार ने इस विमान का निबंधन रद्द कर लिया। चीन युद्ध के बाद दरभंगा की संपत्ति देखने वाले न्यासी ने दरभंगा, पूर्णिया और कूचबिहार एयरपोर्ट के साथ-साथ इस लग्जरी विमान को भी भारत सरकार को सौंप दिया।
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