SSY Interest Rate Hiked: लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इसका फायदा सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में बेटी के भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश करने वालों को होगा. सरकार की तरफ से जनवरी-मार्च तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर ब्याज दर में 20 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी सर्कुलर के अनुसार ब्याज दर मौजूदा 8 प्रतिशत से बढ़कर 8.2 परसेंट हो गई है. आइए योजना के बारे में जानते हैं विस्तार से-
क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?
सुकन्या समृद्धि सरकार समर्थित योजना होने के कारण 100% सुरक्षित है. इसके तहत आप सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इस योजना को केवल बेटियों के लिए बनाया गया है. इसमें निवेश करके आप बेटी के फ्यूचर के लिए होने वाले खर्च को प्लान कर सकते हैं. योजना के तहत 15 साल तक निवेश कर बेटी की शिक्षा एवं शादी आदि के खर्चो के लिए पैसा इकट्ठा किया जा सकता है. लंबी अवधि में नियमित रूप से निवेश करके मैच्योरिटी पर बड़ा पैसा जुटाया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि का खाता आप किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर खुलवा सकते हैं.
कौन कर सकता है आवेदन
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जीरो से 10 साल तक की उम्र वाली बालिकाओं का खाता उसके माता-पिता खोल सकते हैं. इसमें आप 250 रुपये के निवेश से अकांउट खोल सकते हैं. पहले इस पर 8 प्रतिशत सालाना का ब्याज मिल रहा था. लेकिन अब जनवरी से मार्च तिमाही के लिए इसे बढ़कर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया है. इसमें आपको कम्पाउंडिंग का भी फायदा मिलता है. एक बच्ची के नाम पर केवल एक ही खाता खोला जा सकता है. आप इसके तहत दो ही बच्चियों का खाता खोल सकते हैं. लेकिन यदि आपके एक साथ दो बच्ची (जुड़वां) हुई हैं तो आप तीन बच्चियों का अकाउंट खोल सकते हैं.
ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर 80C के तहत आयकर से छूट मिलती है. इसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. यदि आप सालाना डेढ़ लाख रुपये जमा करते हैं तो मैच्योरिटी पर करीब 67 लाख रुपये हो जाते हैं. इसमें कम्पाउडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. योजना का मैच्योरिटी पीरियड 21 साल है. लेकिन 15 साल तक इसमें निवेश करना होता है. यानी निवेश बंद होने के 6 साल बाद आपका अकाउंट मैच्योर होता है. यदि आप नवजात बच्ची का अकाउंट खुलवाते हैं तो यह 21 साल की उम्र में मैच्योर हो जाएगा. इसी तरह यदि आपने 4 साल की उम्र में बच्ची का खाता खुलवाया तो 25 साल की उम्र में अकाउंट की मैच्योरिटी होगी. बेटी 18 साल होने के बाद अकाउंट को खुद हैंडल कर सकती है.