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- अब उपग्रह केंद्रों का विकास शैघी, नालदेहरा सीएचसी में दांतों के उपचार के लिए किया जाएगा; डेंटल डॉक्टर्स की टीम राशन लेने जाएगी
शिमला8 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- नहीं आना पड़ेगा डेंटल काॅलेज शिमला, ज्यादा दिक्कत वाले मरीज ही रेफर किए जाएंगे शिमला
शाेघी और मशाेबरा के आसपास रहने वाले लाेगाें अब दांताें के इलाज के लिए डेंटल कॉलेज शिमला पहुंचने की टेंशन नहीं रहेगी। उन्हें अपने नजदीकी सीएचसी में ही डेंटल कॉलेज शिमला जैसा इलाज मिल सकेगा। डेंटल कॉलेज शिमला काे शाेघी और मशाेबरा पीएचसी काे सैटेलाइट सेंटर बनाने काे लेकर मंजूरी मिल चुकी है।
अब यहां पर डेंटल कॉलेज शिमला की टीम सप्ताह में एक या दाे चक्कर लगाएगी और यहां पर लाेगाें के दांताें का इलाज करेगी। जिन लाेगाें के दांताें में ज्यादा दिक्कत हाेगी, उन्हें डेंटल कॉलेज शिमला के लिए रेफर किया जाएगा, वहीं जिन्हें काेई मामूली तकलीफ हाेगी उनका इलाज तुरंत माैके पर कर दिया जाएगा। जल्द ही डेंटल कॉलेज की टीम दाेनाें सीएचसी में इलाज के लिए जाना शुरू कर देगी।
यह होंगे टीम मेंः
सैटेलाइट सेंटर में इलाज के लिए डेंटल कॉलेज शिमला के फैकल्टी मेंबर के अलावा पीजी स्टूडेंट्स और इंटर्नस भी इलाज के लिए जाएंगे। इसके लिए बकायदा एक राेस्टर तैयार किया जाएगा। इस राेस्टर के अनुसार सप्ताह में एक या दाे बार यह टीम दाेनाें सैटेलाइट सेंटर में जाएगी। इससे आसपास रहने वाले लाेगाें काे काफी फायदा मिलेगा। माैजूदा समय में डेंटल कॉलेज शिमला में काफी भीड़ रहती है। अासपास के एरिया से काफी लाेग यहां पर इलाज के लिए आते हैं।
माेबाइल डेंटल वैन की जरूरतः
सैटेलाइट सेंटराें में जाने के लिए डेंटल कॉलेज की टीम काे माेबाइल डेंटल वैन की जरूरत हाेती है। इसके अलावा स्टूडेंट के जाने के लिए बसें भी चाहिए। हालांकि पहले कॉलेज के पास बसें थी, मगर वह काफी पुरानी हाे चुकी हैं। ऐसे में अब नई बसाें की खरीद का मामला भी सरकार के ध्यान में लाया गया है। यदि बसें नहीं मिलती है ताे भी प्रशासन ने आउटसाेर्स पर वाहन की परमिशन मांगी है।
जैसे ही इसमें बस या आउटसाेर्स की परमिशन मिल जाएगी ताे उसके बाद डेंटल कॉलेज की टीम दाेनाें सैटेलाइट सेंटराें में जाना शुरू कर देगी। उसके बाद उपनगराें के लाेगाें घरद्वार पर दांताें का इलाज मिल पाएगा। शाेघी और मशाेबरा सीएचसी काे सैटेलाइट सेंटर बनाने काे लेकर मंजूरी मिल चुकी है।
अब यहां पर डेंटल कॉलेज शिमला की टीम सप्ताह में एक या दाे चक्कर लगाएगी और यहां पर लाेगाें के दांताें का इलाज करेगी। जिन लाेगाें के दांताें में ज्यादा दिक्कत हाेगी, उन्हें डेंटल कॉलेज शिमला के लिए रेफर किया जाएगा, वहीं जिन्हें काेई मामूली तकलीफ हाेगी उनका इलाज तुरंत माैके पर कर दिया जाएगा।
सरकार काे आउटसाेर्स पर वाहन उपलब्ध करवाने के लिए लिखा गया है या फिर डेंटल कॉलेज काे अपनी बस खरीद के लिए भी मंजूरी मांगी गई है। यह इनमें किसी की भी मंजूरी मिलती है ताे टीमें यहां पर जाना शुरू कर देगी। डाॅ. आशु गुप्ता, प्रिंसिपल डेंटल कॉलेज शिमला
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