Now only 1.2% students are using apps for online studies | अभी केवल 1.2% स्टूडेंट्स ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एप कर रहे यूज

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हिसार2 घंटे पहले

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फाइल फोटो।

  • जिले में 52283 स्टूडेंट्स और 5931 शिक्षकों ने एप डाउनलोड कर किया रजिस्ट्रेशन, बरवाला ब्लॉक सबसे आगे
  • आधुनिकता व संसाधन के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित विद्यार्थी

कोरोना काल के चलते ऑनलाइन शिक्षा के लिए शुरू की एप्स को भले ही विद्यार्थियों के फोन में इंस्टॉल करवा दिया हो लेकिन उन्हें इसका कितना लाभ मिल रहा है इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिले में कुल 52253 विद्यार्थी अभी तक इन एप्स को इंस्टॉल कर चुके हैं लेकिन इसका प्रयोग अभी केवल 1.2 प्रतिशत विद्यार्थी ही कर रहे हैं। वहीं जिले के करीब 5931 शिक्षक इस पर रजिस्ट्रेेशन करवा चुके हैं।

एप पर केवल 15% विद्यार्थियों और 94% टीचर का रजिस्ट्रेशन

अवसर एप को जहां 6345 शिक्षकों में से 5729 शिक्षकों ने अपने फोन में एप डाउनलोड कर 94 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाई है। वहीं जिले के करीब 1 लाख 44 हजार विद्यार्थियों में से केवल 28914 विद्यार्थियों ने ही इस एप को डाउनलोड किया है। जोकि कुल आंकड़े का करीब 15 प्रतिशत है।

शिक्षकों को दिया था 100 प्रतिशत एप डाउनलोड करवाने का टारगेट

सरकार द्वारा शिक्षकों को सभी बच्चों व उनके अभिभावकों के फोन में एप इंस्टॉल करवाने का टारगेट दिया था। इसके लिए अभिभावकों व शिक्षा मित्रों की सहायता ली गई। लेकिन एप पर विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन तो हुआ लेकिन वे एक्टिव नहीं हो रहे।

राजकीय शिक्षक तालमेल कमेटी कर रही ऑनलाइन एप का विरोध

राजकीय शिक्षक तालमेल कमेटी सरकार की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न स्टडी एप्स से खासा नाराज है। इस कमेटी में सभी राजकीय स्कूल शिक्षक संघ शामिल हैं जोकि लगातार सरकार के समक्ष नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि सरकार प्राइवेट कंपनियों की इन एप्स पर फिजूल खर्च कर रही है जिसका कोई लाभ विद्यार्थी को नहीं मिल पा रहा है।

शिक्षा मित्र रजिस्ट्रेशन करा चुके पर छात्रों को लाभ नहीं

ग्रामीण परिवेश व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों के पास संसाधनों की कमी भी इसकी असफलता की एक बड़ी वजह बन रही है। सरकार द्वारा इस कमी को दूर करने के लिए शिक्षा मित्र योजना तो बनाई गई लेकिन जमीनी स्तर की बात की जाए तो अधिकांश बच्चों के शिक्षा मित्र रजिस्ट्रेशन तो करवा चुके हैं, लेकिन विद्यार्थियों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।

मोटिवेट करने के लिए दिए जा रहे निर्देश : डीईओ

विद्यार्थी इसका अच्छे से प्रयोग कर सकें, इसके लिए एबीआरसी व बीआरपी के साथ शिक्षकों को भी बच्चों को मोटिवेट करने के लिए लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। आने वाले समय में शिक्षकों व बच्चों को इसके महत्व को समझना होगा। कोविड काल में इसे केवल एक ऑप्शन न लेकर अवसर में बदलना चाहिए।- कुलदीप सिहाग, डीईओ, हिसार।

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