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हमीरपुर5 दिन पहले
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फाइल फोटो
- खड़े मरीजों के रास्ते से नहीं गुजरेगा संक्रमित मरीज, 81 लाख का एस्टीमेट निदेशालय को भेजा
डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में अलग से कोविड सेंटर बनेगा। भीतर संक्रमित मरीजों को वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन तक की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके बनने से कोरोना वायरस पॉजिटिव गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज नेरचौक, टांडा या शिमला रेफर करने से भी निजात मिलेगी।
कॉलेज प्रशासन ने इस योजना को शीघ्र ही अमलीजामा पहनाने के लिए करीब 81 लाख का एस्टीमेट मसौदा तैयार कर स्वास्थ्य निदेशालय को मंजूरी के लिए भेज दिया। अभी तक आइसोलेशन वार्ड दूसरे के पास ही चल रहा है। जिस कारण यहां संक्रमित पाए जा रहे मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए उस रास्ते से ले जाया जा रहा है जहां सैकड़ों मरीज कतारों में खड़ा होकर पर्ची बनाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं। जिस कारण संक्रमित मरीजों को ले जाने पर कतारों में खड़े मरीजों को हटा दिया जाता है।
जिन्हें काफी देर इंतजार करना पड़ता है क्योंकि पहले वहां सेनेटाइज का कार्य होता है। ऐसे में जहां वार्डों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। वहीं कतारों में खड़े होने वाले मरीजों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
16 लोग निकले कोरोना पाॅजिटिव : जिले में रविवार को 16 लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सीएमओ डाॅ. अर्चना सोनी ने बताया कि पुंदड़ के चार लोग 37 वर्षीय व्यक्ति, 32 वर्षीय व्यक्ति, 6 वर्षीय बच्चा और 11 वर्षीय लड़की शामिल है। नादौन के 48 वर्षीय व्यक्ति, 4 वर्षीय बच्चा, 20 वर्षीय युवक, 38 वर्षीय महिला, 27 वर्षीय युवक, 54 वर्षीय व्यक्ति, 46 वर्षीय महिला, 45 वर्षीय व्यक्ति और 24 वर्षीय महिला शामिल है। जम्वाला के 25 वर्षीय युवक, भरनोट के 32 वर्षीय व्यक्ति और सुजानपुर की 42 वर्षीय महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
इमरजेंसी के पास होगा स्थापित : कोविड सेंटर को मौजूदा समय में चल रही इमरजेंसी के पास स्थापित किया जाएगा। इसका रास्ता भी पीछे से अलग होगा। आईसीयू , ऑक्सीजन प्लांट, 6 वेंटिलेटर की सुविधा, बेड की सुविधा सहित वार्ड बनेगा।
ड्यूटी रूम व आइसोलेशन तक की सुविधा भीतर ही होगी। इसके बनने से कोरोना संक्रमित हर रोगी यही भर्ती होगा। उन्हें रेफर करने से भी निजात मिलेगी। संक्रमण दूसरी जगह ना फैले इसे अलग से स्थापित किया जा रहा है। इसका रास्ता भी आम लोगों या आम मरीजों के बीच से नहीं होगा।
कोविड वार्ड के भीतर ही सारी सुविधा उपलब्ध करवाने व इसे अलग से स्थापित करने को लेकर 81 लाख का एस्टीमेट निदेशालय भेज दिया और अप्रूवल मिलते ही प्राथमिकता के आधार पर इसे शीघ्र सभी की सुविधा के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
कतारों में खड़े होने वाले मरीजों को भी वहां से नहीं हटना पड़ेगा, क्योंकि इस सेंटर का रास्ता ही पीछे से अलग से होगा। डॉ. आरके अग्निहोत्री, एमएस मेडिकल कॉलेज हमीरपुर
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