पर्चा लीक और कथित अनियमितताओं पर NEET UG 2024 को रद्द करने की याचिकाएं
आज (8 जुलाई) को SC ने NEET UG 2024 परीक्षा को कथित अनियमितताओं और पर्चा लीक के चलते रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय बेंच इन याचिकाओं पर सुबह 10:30 बजे के बाद सुनवाई करेगी।
केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अदालत के सामने इस परीक्षा को रद्द करने के विरोध में हलफनामा दायर किया है। उनका कहना है कि कथित अनियमितताओं के मामले अलग-अलग और सीमित हैं, और पूरी परीक्षा को रद्द करना लाखों ईमानदार छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल देगा।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें: व्यापक पर्चा लीक से परीक्षा की पवित्रता पर आघात
याचिकाकर्ताओं ने यह तर्क दिया है कि पर्चा लीक की घटनाएं व्यापक थीं और इससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। उन्होंने पुन: परीक्षा की मांग की है, ताकि सभी छात्रों को निष्पक्ष और समान अवसर मिल सके।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पर्चा लीक ने परीक्षा के मूल उद्देश्य और छात्रों की योग्यता को प्रभावित किया है। इसलिए, इस परीक्षा को रद्द कर पुन: परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए ताकि उन छात्रों के साथ न्याय हो सके जिन्होंने ईमानदारी से तैयारी की है।
NTA और सरकार का पक्ष: सीमित घटनाओं से परीक्षा रद्द करना अनुचित
NTA और केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि पर्चा लीक की घटनाएं बहुत ही सीमित हैं और ये पूरी परीक्षा को रद्द करने का आधार नहीं बन सकतीं। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि परीक्षा को रद्द करने के बजाय, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
सरकार और NTA ने यह भी कहा है कि लाखों छात्रों ने इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है और परीक्षा रद्द करने से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके अलावा, इससे उनके भविष्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं: न्याय की उम्मीद
इस मुद्दे पर छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं भी विभाजित हैं। कुछ छात्र और अभिभावक याचिकाकर्ताओं के पक्ष में हैं और पुन: परीक्षा की मांग कर रहे हैं, जबकि अन्य छात्रों का मानना है कि पूरी परीक्षा को रद्द करना अनुचित होगा और इससे उनके भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
छात्रों का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि अगर पर्चा लीक हुआ है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन परीक्षा को रद्द करना सही नहीं होगा। उन्हें उम्मीद है कि SC एक संतुलित और न्यायसंगत फैसला लेगा।
परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता
यह मुद्दा सिर्फ NEET UG 2024 की परीक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है। हर साल विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्चा लीक और अनियमितताओं की खबरें सामने आती हैं। इससे न केवल छात्रों का विश्वास टूटता है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है।
सरकार और परीक्षा आयोजन संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके लिए तकनीकी सुधार, निगरानी व्यवस्था में सुधार और सख्त सुरक्षा उपायों को अपनाना जरूरी है।
SC की सुनवाई के परिणाम का इंतजार पूरे देश के लाखों छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को है। इस मामले में अदालत का फैसला न केवल NEET UG 2024 के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि इससे परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर भी महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।
याचिकाकर्ताओं, सरकार और NTA के तर्कों के बीच संतुलन बनाना अदालत के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। छात्रों की मेहनत और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए, अदालत का फैसला छात्रों के हित में और न्यायसंगत होना चाहिए।
इस मामले ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उम्मीद है कि इस सुनवाई के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और छात्रों को एक निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षा प्रणाली मिलेगी।