Neerav modi case : चूहों से छुटकारा पाकर नीरव मोदी पहुंचे ब्रिटेन, प्राइवेट जेल में होने का दावा

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Neerav modi case : पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) के इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी (largest fraud) को अंजाम देने के आरोपी भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को ब्रिटेन (Britain) की सबसे भीड़भाड़ वाली, गंदी और चूहों से संक्रम‍ित भरी जेलों में से एक से लंदन की एकमात्र प्राइवेट जेल (London private prison) में ट्रांसफर कर दिया गया है.

टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक नीरव मोदी (52) को ग्रीनविच में एचएमपी वैंड्सवर्थ से एचएमपी थामसाइड (HMP Thameside) में स्थानांतरित कर दिया गया है. मार्च 2012 में निर्मित इस जेल को सर्को द्वारा चलाया जाता है. अपनी सबसे हालिया निरीक्षण रिपोर्ट में, प्रतिदिन 23.5 घंटे कैदियों को बंद रखने और कुछ गतिविधियों की पेशकश करने के लिए जेल की आलोचना की गई थी. हालांक‍ि इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदी स्वच्छ और सभ्य वातावरण में रहते हैं और अपने सेल में टेलीफोन रखने की सराहना करते हैं.

यह एचएमपी वैंड्सवर्थ पर हालिया निरीक्षण रिपोर्ट के ब‍िल्‍कुल उलट है जिसमें बहुत भीड़भाड़ वाला, कई कैदी बहुत खराब परिस्थितियों में रह रहे हैं, बताया गया है. इस र‍िपोर्ट में यह भी बताया गया क‍ि वहां पर हिंसा बढ़ रही है और बड़ी मात्रा में कूड़ा-कचरा के कारण कीड़े-मकोड़े पैदा हो रहे हैं.

कैदी डैनियल खलीफ के जेल से भागने की जांच में सहायता के लिए करीब 40 कैदियों को ‘एहतियाती उपाय के रूप में’ एचएमपी वंड्सवर्थ से स्थानांतरित क‍िया गया. डैन‍ियल गत 6 सितंबर को एचएमपी वंड्सवर्थ (HMP Wandsworth) जेल से भाग गया था लेकिन बाद में पकड़ा गया था.

नीरव को पिछले हफ्ते बार्किंगसाइड मजिस्ट्रेट अदालत में यह जवाब देने के लिए पेश होना था और बताना था क‍ि उसने नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ की गई अपील के लिए अभी तक £150,247 (1.5 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक) की कानूनी लागत का भुगतान क्यों नहीं किया है, जिसे वह खो चुका है. नीरव के मामले की सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई क्योंकि कोर्ट को उनके जेल स्थानांतरण के बारे में जानकारी नहीं दी गई. इसलिए एचएमपी थामसाइड के साथ वीडियो लिंक स्थापित नहीं किया गया.

नीरव को दिसंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपने प्रत्यर्पण (extradition) के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था, जिसका मतलब है कि उसे 28 दिनों के भीतर प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था. लेकिन वह ब्रिटिश जेल में बंद है क्योंकि एक गुप्त कानूनी मामले के कारण उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है.

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