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मोहाली6 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- फर्जी डॉक्यूमेंट भी खुद तैयार करते थे और वेरिफिकेशन भी खुद ही करते थे
चंद पैसों के लिए पुलिस के 2 जवान किस प्रकार से अपने साथी के साथ मिलकर गैंगस्टर के लिए काम कर रहे थे, इसका खुलासा एसएसपी सतिंदर सिंह ने किया है। दोनों मुलाजिमों के तार पांच राज्यों की पुलिस की लिस्ट में टॉप पर बैठे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर राजू बसौदी के साथ जुड़ गए हैं। दोनों मुलाजिमों ने अपने तीसरे साथी रमन के साथ मिलकर कुछ समय पहले ही बसौदी का जाली पासपोर्ट तैयार करवा था।
इस हाई प्रोफाइल फर्जी पासपोर्ट मामले में एसएसपी जीरकपुर पुलिस स्टेशन के मुंशी कांस्टेबल सतवंत सिंह तथा पासपोर्ट वेरिफाई वर्कर कॉन्स्टेबल राजिंदर सिंह को डिसमिस किया जा चुका है। उनके तीसरे साथी डेराबस्सी गुलमोहर एक्सटेंशन फ्लैट नंबर 05 के A1 ब्लॉक में रहने वाले रमन कुमार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
तीनों के खिलाफ जीरकपुर पुलिस स्टेशन में ही एफआईआर दर्ज की गई है और ये तीनों पुलिस रिमांड पर है। एसएसपी ने बताया कि जाली पासपोर्ट की इसमें अभी तक जांच में पता चला है कि दोनों मुलाजिम अपने तीसरे साथी रमन के साथ मिलकर 2018 से लेकर अब तक कुल 41 लोगों के पासपोर्ट बना चुके हैं।
इन कुल 41 लोगों में 90 फीसदी लोग क्रिमिनल हैं, जोकि पुलिस के वांटेड हैं। ये पुलिस से छुपने के लिए जाली दस्तावेजों के माध्यम से पासपोर्ट बनाकर विदेशों मैं बैठे हुए हैं। इन पासपोर्ट धारकों में कई हार्डकोर क्रिमिनल भी शामिल हैं तो कई गैंगस्टर।
पकड़ा गया आरोपी रमन बाहर से लोगों के काम लेकर मुंशी सतवंत सिंह के पास आता था और सतवंत सिंह आगे उसको वेरिफाई करने के लिए अपने साथी कॉन्स्टेबल राजिंदर सिंह का यूज़ करता था। जाली पासपोर्ट बनाने के लिए हजारों से लेकर लाखों रुपए यह तीनों लेते थे और आपस में बांट लेते थे।
जांच में पता चला है कि आरोपी रमन पासपोर्ट के लिए यूज होने वाले दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, परमानेंट एड्रेस प्रूफ, अन्य सर्टिफिकेट्स आदि सब जाली तैयार करवाता था। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर ही कॉन्स्टेबल राजिंदर सिंह तथा जीरकपुर पुलिस स्टेशन का मुंशी सतवंत सिंह आगे पासवर्ड तैयार करवाते थे और उसको वेरिफाई करते थे।
वांटेड गैंगस्टर राजू बसौदी का पासपोर्ट भी इन तीनों ने मिलकर तैयार किया…
एसएसपी ने बताया कि पुलिस को वांटेड गैंगस्टर राजू बसौदी का पासवर्ड भी इन तीनों ने मिलकर तैयार किया था। रमन ने बसौदी के लिए पहले निर्मल छाया फ्लैट नंबर 337 टॉप फ्लोर गुरबीर सिंह पुत्र बलवंत सिंह के नाम का जल्दी दस्तावेज तैयार किए और उसके बाद उनको पासपोर्ट के साथ लगा दिया।
इसकी वेरिफिकेशन कांस्टेबल राजिंदर सिंह ने की और इसको क्रॉस चेक जीरकपुर पुलिस स्टेशन के मुंशी कांस्टेबल सतवंत सिंह ने किया। पुलिस ने अब जांच में पाया कि बसौदी गुरबीर सिंह के नाम का जाली पासपोर्ट तैयार कर थाईलैंड भाग गया था। जबकि गुरबीर नाम का कोई शख्स है ही नहीं।
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