MP के स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है,
जिसमें कमजोर विद्यार्थियों के लिए विशेष सुपर सेक्शन बनाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करना और छात्रों की शैक्षिक सफलता को सुनिश्चित करना है।
क्यों है यह पहल आवश्यक
MP में इस साल कक्षा नौवीं में दो लाख 11 हजार विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं। जिन स्कूलों में 30 से अधिक बच्चे फेल हुए हैं, उन स्कूलों का चयन किया गया है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने फैसला किया है कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक नई नीति लागू की जाए।
Super Section का क्या है उद्देश्य?
Super Section का उद्देश्य कमजोर विद्यार्थियों को व्यक्तिगत ध्यान देना और उन्हें शिक्षा में सुधार के लिए समर्थन प्रदान करना है। इन सुपर सेक्शनों में विशेष शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जो विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से समझाने और उनके शैक्षिक प्रदर्शन को सुधारने में मदद करेंगे।
Super Section की विशेषताएं
- अलग कक्षाएं: इन कक्षाओं में कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षक उन्हें विशेष ध्यान देंगे और उनकी व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार पढ़ाई कराएंगे।
- साप्ताहिक और मासिक टेस्ट: साप्ताहिक और मासिक टेस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रगति का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा, तिमाही और छमाही परीक्षा भी आयोजित की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों की समझ में सुधार हो सके।
- विशेष प्रशिक्षण: शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे कमजोर विद्यार्थियों को कैसे पढ़ाएं और उनकी समस्याओं को कैसे हल करें।
- आकलन और सुधार: नौवीं कक्षा के तिमाही और छमाही परीक्षा परिणाम के पांच-पांच फीसद अंक वार्षिक परीक्षा के परिणाम में जोड़े जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को तिमाही और छमाही परीक्षाओं को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
राज्य ओपन बोर्ड के साथ सहयोग
स्कूल शिक्षा विभाग राज्य ओपन बोर्ड के साथ मिलकर काम करेगा। इनके लिए ओपन स्कूल चलाया जाएगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य MP माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं कक्षा के परिणाम को सुधारना है।
स्कूल शिक्षा विभाग राज्य ओपन बोर्ड के साथ मिलकर काम करेगा। इनके लिए खुली शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य 10वीं कक्षा में MP माध्यमिक शिक्षा मंडल के परिणाम को सुधारना है।
पिछले परिणामों की स्थिति: इस वर्ष MP बोर्ड की दसवीं बैठक का परिणाम पिछले छह वर्षों में सबसे बुरा था। 10वीं का परिणाम 58.10 % रहा है। इस साल Best of Five योजना भी समाप्त हो गई है। इसलिए, स्कूल शिक्षा विभाग ने नौवीं कक्षा से 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने पर जोर देना शुरू कर दिया है।
पिछले परिणामों की स्थिति
MP बोर्ड की 10वीं का परिणाम पिछले छह वर्षों में इस वर्ष सबसे खराब रहा था। 10वीं का परिणाम 58.10 प्रतिशत रहा है। साथ ही इस साल से बेस्ट ऑफ फाइव योजना भी समाप्त कर दी गई है। इस कारण स्कूल शिक्षा विभाग ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए नौवीं कक्षा से जोर देना शुरू कर दिया है।
http://कमजोर विद्यार्थियों पर फोकस
विभागीय अधिकारियों का मानना है कि कक्षाओं में शिक्षक दो स्तर पर पढ़ाते हैं। शिक्षक का ध्यान अधिकतर तेज विद्यार्थियों पर ही होता है। साथ ही सामान्य विद्यार्थियों के स्तर पर भी पढ़ाया जाता है। कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों पर सामान्यत: शिक्षकों का विशेष ध्यान नहीं होता है। उनके लिए अलग से रणनीति बनाकर उन्हें पढ़ाया जाएगा।
इस पहल से कमजोर विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सकेगा और उन्हें शैक्षिक सफलता की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकेगा। सुपर सेक्शन के माध्यम से, शिक्षकों को व्यक्तिगत ध्यान देने और विद्यार्थियों की समस्याओं को हल करने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल 10वीं बोर्ड के परिणामों में सुधार लाएगी, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास भी प्रदान करेगी।
MP के स्कूल शिक्षा विभाग की यह पहल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कमजोर विद्यार्थियों को लाभ होगा, बल्कि पूरे राज्य के शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार आएगा।