motivational story about positive thinking, how to think positive, inspirational story about thinking positive, story of king and his son, raja ki prerak kahani | सकारात्मक सोच के साथ ही बड़ी सफलता मिल सकती है, अच्छे लोगों के साथ रहने से दूर होती है नकारात्मकता

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19 दिन पहले

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  • राजा अपने तीन पुत्रों में से किसी एक को राजा नियुक्त करना चाहता था, उसने तीनों लड़कों को 1-1 स्वर्ण मुद्रा दी और कहा कि इससे अपने कमरे को भर दो

जिन लोगों की सोच सकारात्मक होती है, वे लोग ही कोई बड़ी सफलता हासिल कर पाते हैं। अच्छे लोगों के साथ रहने पर ही हमारे विचारों की नकारात्मकता दूर हो सकती है। अच्छी सोच का असर कैसे होता है, ये एक लोक कथा से समझ सकते हैं।

पुरानी लोक कथा के अनुसार एक राजा बूढ़ा हो गया तो वह सोचने लगा कि तीन पुत्रों में से किसे भावी राजा नियुक्त करे। तीनों राजकुमार शक्तिशाली थे, लेकिन राजा के लिए शक्ति के साथ ही बुद्धिमानी और सकारात्मक सोच होना भी जरूरी है।

एक दिन राजा ने तीनों राजकुमारों को बुलाया और तीनों को एक-एक स्वर्ण मुद्रा दी। राजा ने कहा कि इस एक स्वर्ण मुद्रा से ऐसी चीजें लेकर आओ, जिससे तुम्हारा कमरा पूरा भर जाए। दो राजकुमारों ने कहा कि एक स्वर्ण मुद्रा में ऐसी कोई चीज नहीं आ सकती है, जिससे कमरा भर सके। लेकिन, राजा ने कहा कि आपको इसी मुद्रा में ये काम करना है।

तीनों राजकुमारों की संगत अलग-अलग थी। दो राजकुमार बुरे लोगों के चक्कर में फंसे हुए थे। इसीलिए उनकी सोच नकारात्मक थी। जबकि एक राजकुमार ज्ञानी लोगों के साथ रहता था। इसीलिए वह सकारात्मक सोच के साथ रहता था।

एक राजकुमार ने अपनी मुद्रा से कचरा खरीदा और कमरे में भर दिया। दूसरे ने घास खरीदकर कमरे भर दी। तीसरा राजकुमार बुद्धिमान था। वह एक दीपक लेकर आया और कमरे में दीपक जला दिया। दीपक की रोशनी से कमरा रोशन हो गया। इसके बाद उसने कमरे में वाद्ययंत्र बजे तो रोशनी और संगत से कमरे का वातावरण बहुत ही पवित्र और सकारात्मक हो गया था। जब राजा ने ये देखा तो तीसरे राजकुमार को भविष्य का राजा घोषित कर दिया।

इस कथा की सीख यही है कि हमें हर परिस्थिति में सोच सकारात्मक बनाए रखनी चाहिए। क्योंकि, अच्छी सोच के साथ ही बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। किसी भी काम की शुरुआत सकारात्मक सोच के साथ करेंगे काम आसानी से पूरा हो सकता है।

सोच सकारात्मक कैसे बन सकती है, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक गुरुकुल में गुरु शिष्यों को अच्छी संगत का असर समझाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने शिष्यों से गुलाब के पौधे के नीचे की मिट्टी उठाने के लिए कहा।

शिष्यों ने मिट्टी उठाई तो गुरु ने कहा कि इसे सुंघों। शिष्यों ने मिट्टी सुंघी तो उसमें गुलाब की महक आ रही थी। गुरु ने कहा कि इस मिट्टी पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां गिरती हैं तो उनकी महक मिट्टी में आ जाती है।

इसी तरह जब हम सकारात्मक सोच वाले और बुद्धिमानी लोगों के साथ रहते हैं तो हमारे स्वभाव में भी उनके जैसे गुण आने लगते हैं। हम उनकी तरह सोचने लगते हैं।



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