motivational story about ego, life management tips according to sukrat, Socrates motivational story, Socrates prerak prasang | जिस दिन हम जानेंगे और चारों ओर देखेंगे तो ये बात समझ आ जाएगी कि इस विशाल ब्रह्मांड में हम कुछ नहीं हैं, इसीलिए घमंड न करें

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एक महीने पहले

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  • यूनान के दार्शनिक सुकरात से मिलने एक धनी व्यक्ति पहुंचा, लेकिन सुकरात ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया, धनी व्यक्ति ने कहा कि क्या आप जानते हैं, मैं कौन हूं?

घमंड एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से किसी का भी जीवन बर्बाद हो सकता है। पुराने समय में रावण, कंस, दुर्योधन जैसे महारथियों का पूरा कुल अहंकार की वजह से नष्ट हो गया। इस बुराई को जितनी जल्दी हो सके, छोड़ देना चाहिए। जानिए यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात से जुड़ा एक ऐसा प्रसंग, जिसमें एक धनी व्यक्ति का घमंड सुकरात ने तोड़ा था।

प्रचलित कथा के अनुसार एथेंस में सुकरात अपने शिष्यों को उपदेश रहे थे। तभी वहां एक धनी व्यक्ति उनसे मिलने के लिए पहुंचा। लेकिन, सुकरात ने उस व्यक्ति की ओर ध्यान नहीं दिया, वे अपने काम में लगे रहे।

धनी व्यक्ति को समझ आ गया कि सुकरात ने उसे नजरअंदाज कर दिया है। इससे वह क्रोधित हो गया। वह सुकरात के सामने पहुंचा और बोला कि क्या आप जानते हैं, मैं कौन हूं?

सुकरात ने उससे कहा कि आप यहां बैठें और मुझे बताइए कि आप कौन हैं? इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को दुनिया का नक्शा दिया और कहा कि आप बताएं, इसमें एथेंस कहां हैं?

धनी व्यक्ति ने कहा कि दुनिया के नक्शे में तो एथेंस एक बिंदू की तरह है। उसने एथेंस पर उंगली रखी और कहा, ये एथेंस है।

सुकरात ने उससे फिर पूछा अब इसमें ये बताओं की तुम्हारा घर कहां है?

दुनिया के नक्शे में एथेंस तो खुद ही एक बिंदु है, इसमें मेरा घर कैसे दिख सकता है?

सुकरात ने फिर पूछा, जब इस नक्शे में तुम्हारा घर ही नहीं दिख रहा है तो तुम अपने बड़े घर में कहां हो? ये नक्शा तो एक पृथ्वी का है, ऐसी अनंत पृथ्वियां हैं, अनंत सूर्य हैं। इन सब में तुम कहां हो?

सुकरात की ये बातें सुनकर धनी व्यक्ति चुपचाप वहां से जाने लगा। तब सुकरात ने उसे रोका और नक्शा देते हुए कहा कि इसे हमेशा अपने साथ रखना। जब तुम्हें अपने धन का अहंकार होने लगे तब इसे देख लेना। तुम्हारा घमंड दूर हो जाएगा।

सुकरात ने कहा कि अब तुम्हें समझ आ गया होगा कि इस ब्रह्मांड में हम कुछ नहीं हैं। हमारा झूठा अहंकार ही हमारे दुखों का मूल कारण है। इसे जितनी जल्दी छोड़ देंगे, उतना ज्यादा अच्छा रहेगा। जिस दिन हम इस ब्रह्मांड को जागेंगे, चारों ओर देखेंगे तो समझ जाएंगे कि इस सृष्टि में हमारे जैसे असंख्य जीव हैं। इसीलिए कभी भी अपने धन, पद का घमंड न करें।

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